Edited By Mahima,Updated: 27 Nov, 2024 03:12 PM
EPFO योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता मिलकर कर्मचारी के भविष्य के लिए योगदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी सैलरी 15,000 रुपये है और आप 40 साल की उम्र में EPF में योगदान करना शुरू करते हैं, तो 18 साल बाद आपकी पेंशन राशि लगभग 27.66 लाख रुपये...
नेशनल डेस्क: अगर आप भी नौकरी कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि 40 साल की नौकरी के बाद EPFO से कितनी पेंशन मिलेगी, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत में कामकाजी लोगों के रिटायरमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो उनकी वित्तीय सुरक्षा के लिए काम करती है। खासकर निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह योजना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रिटायरमेंट के समय एक बड़ा फंड तैयार करने में मदद करती है।
EPFO योजना का क्या है समीकरण?
EPFO (Employee Provident Fund Organisation) एक ऐसी योजना है, जिसके तहत कर्मचारी और नियोक्ता (कंपनी) दोनों मिलकर कर्मचारी के भविष्य के लिए योगदान करते हैं। यह योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (DA) का 12-12 फीसदी होता है। इसके अलावा, सरकार हर साल EPF पर ब्याज दर भी तय करती है, जो रिटायरमेंट फंड को बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि 40 साल तक EPF में योगदान देने के बाद आपको कितनी पेंशन मिलेगी, तो इसे एक उदाहरण से समझना आसान होगा।
उदाहरण से समझें EPF का लाभ
मान लीजिए, आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस मिलाकर 15,000 रुपये प्रति माह हैं, और आपकी उम्र 40 साल है। अब आप 18 साल तक काम करेंगे और आपकी रिटायरमेंट उम्र 58 साल होगी। इस दौरान आपके EPF खाते में जमा होने वाला कुल योगदान और उसके ऊपर मिलने वाला ब्याज कैसे काम करता है, यह समझने के लिए हम कुछ आंकड़े लेते हैं।
- बेसिक सैलरी + DA: 15,000 रुपये
- मौजूदा उम्र: 40 साल
- रिटायरमेंट उम्र: 58 साल
- इंप्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन: 12% (1800 रुपये प्रति माह)
- एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन: 12% (1800 रुपये प्रति माह)
- EPF पर ब्याज दर: 8.1% सालाना
- सालाना सैलरी ग्रोथ: 10%
इसके आधार पर, 18 साल बाद यानी 58 साल की उम्र में आपके पास 27.66 लाख रुपये का रिटायरमेंट फंड तैयार हो सकता है। यह आंकड़ा तब बनता है जब आप नियमित रूप से EPF खाते में योगदान करते हैं और सालाना 8.1% ब्याज दर मिलती है।
EPF का योगदान कैसे काम करता है?
EPF खाते में आपके योगदान के साथ-साथ आपकी कंपनी का भी एक बड़ा योगदान होता है। कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12% हिस्सा EPF खाते में जमा होता है। हालांकि, कंपनी का योगदान थोड़ा अलग तरीके से होता है। कंपनी का 12% योगदान दो हिस्सों में बांटा जाता है:
1. 8.33% हिस्सा पेंशन योजना (EPS) में जाता है।
2. 3.67% हिस्सा EPF खाते में जमा होता है।
इस प्रकार, कुल मिलाकर आपके EPF खाते में हर माह लगभग 24% (कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान मिलाकर) जमा होता है। इसमें से एक हिस्सा पेंशन अकाउंट में जाता है, जो रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन के रूप में मिलेगा।
पेंशन का निर्धारण कैसे होगा?
EPFO द्वारा निर्धारित पेंशन की राशि कर्मचारी के योगदान और उसके पूरे कार्यकाल पर निर्भर करती है। जितना ज्यादा योगदान, उतनी ज्यादा पेंशन मिलने की संभावना होती है। इसके अलावा, कर्मचारी का कार्यकाल भी पेंशन की राशि को प्रभावित करता है। रिटायरमेंट के बाद, यह पेंशन राशि आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक हो सकती है।
EPF और पेंशन के अन्य लाभ
EPF सिर्फ रिटायरमेंट के लिए ही नहीं, बल्कि किसी आपातकालीन स्थिति में भी सहायक हो सकता है। कर्मचारी अपने EPF खाते से स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, घर खरीदने और अन्य उद्देश्यों के लिए पैसे निकाल सकता है। इसके अलावा, EPF पर सरकार द्वारा हर साल ब्याज दर तय की जाती है, जिससे आपका फंड बढ़ता रहता है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022-23 में EPF पर ब्याज दर 8.1% थी। कुल मिलाकर, EPFO द्वारा संचालित योजना कर्मचारियों के लिए एक मजबूत रिटायरमेंट फंड तैयार करने का एक बेहतरीन तरीका है। अगर आप 40 साल तक नियमित रूप से EPF में योगदान करते हैं, तो 58 साल की उम्र में आपके पास अच्छा खासा रिटायरमेंट फंड हो सकता है, जो भविष्य में आपकी पेंशन और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। इसलिए, यदि आप अपने भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो EPF में नियमित योगदान को एक अहम कदम मानें। यह न सिर्फ आपके रिटायरमेंट के समय आपको एक स्थिर वित्तीय स्थिति प्रदान करेगा, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी यह आपके लिए सहायक हो सकता है।