Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Apr, 2025 11:17 AM
हर साल करोड़ों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर बसे श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।
नेशनल डेस्क: हर साल करोड़ों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर बसे श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। माता रानी के जयकारों से गूंजता यह पवित्र स्थान लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस विशाल मंदिर में दिन-रात पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों को कितनी सैलरी मिलती है?
मंदिर संचालन की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड के पास
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) मंदिर के प्रबंधन का जिम्मा संभालता है। बोर्ड ही पुजारियों की नियुक्ति, उनकी सैलरी, मंदिर की सफाई, सुरक्षा, दर्शन व्यवस्था और पूरे वित्तीय प्रबंधन को देखता है। यानी, मंदिर के पुजारी भी इस बोर्ड के अधीन सरकारी मानकों के अनुसार वेतन पाते हैं।
पुजारियों की सैलरी कितनी है?
श्राइन बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले पुजारियों को सरकारी वेतनमान के आधार पर सैलरी दी जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुजारियों के वेतन इस तरह तय किए जाते हैं:
हेड पुजारी:
वेतनमान लेवल 16 के तहत, ₹56,600 से ₹1,79,800 प्रति माह तक
सीनियर पुजारी:
वेतनमान लेवल 10 के तहत, ₹35,800 से ₹1,13,200 प्रति माह तक
पुजारी ग्रेड-I:
वेतनमान ₹35,700 से ₹1,13,100 प्रति माह तक
पुजारी ग्रेड-II:
वेतनमान ₹35,400 से ₹1,12,400 प्रति माह तक
यह सैलरी ढांचा आम सरकारी कर्मचारियों जैसा है, जिसमें समय के साथ इन्क्रीमेंट और अन्य भत्ते भी शामिल हो सकते हैं।
राम मंदिर के पुजारियों को भी मिलती है फिक्स सैलरी
अब बात करते हैं अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की। हाल ही में मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, वहां के पुजारियों की सैलरी इस प्रकार है:
मुख्य पुजारी पंडित मोहित पांडेय:
मासिक वेतन ₹32,900
सहायक पुजारी:
मासिक वेतन ₹31,000
पहले यह वेतन क्रमशः ₹25,000 और ₹20,000 था, जिसे हाल में बढ़ाया गया है। यह दर्शाता है कि धार्मिक स्थलों पर पुजारियों की भूमिका को अब पेशेवर रूप में भी सराहा जा रहा है।
धार्मिक सेवा के साथ आर्थिक स्थिरता भी
मंदिरों में कार्यरत पुजारी न सिर्फ पूजा-पाठ करते हैं बल्कि श्रद्धालुओं को धार्मिक मार्गदर्शन भी देते हैं। ऐसे में उन्हें मिलने वाली सैलरी न सिर्फ सम्मान का प्रतीक है बल्कि यह उनकी आर्थिक स्थिरता के लिए भी अहम है। वैष्णो देवी जैसे बड़े मंदिर में जहां हर रोज हजारों भक्त पहुंचते हैं, वहां पूजा-पाठ की ज़िम्मेदारी को निभाना एक बड़ा और जिम्मेदार काम होता है। इसलिए पुजारियों को उचित वेतन देना भी जरूरी है।