J&K News : कितनी ताकतवर होगी जम्मू-कश्मीर की नई सरकार, क्या होंगी विधानसभा की शक्तियां ?

Edited By Utsav Singh,Updated: 08 Oct, 2024 09:33 PM

how powerful will the new government of jammu and kashmir

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके गठबंधन की सरकार बनने की उम्मीद जताई जा रही है। इस चुनाव के परिणामों के साथ ही जम्मू-कश्मीर को जल्द ही एक नया मुख्यमंत्री मिलने की संभावना है। अब सवाल यह उठ रहे है कि पूर्ण...

नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। NC ने 42 सीटे जीती तो वहीं उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस (6 सीटें) के साथ मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटों के लिए चुनाव हुए थे और बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इन चुनावों में 29 सीटें जीती है और वह दूसरे नंबर पर है। वहीं अब जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके गठबंधन की सरकार बनने की संभावना है। इसके साथ ही, घाटी को जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलने के कारण विधानसभा के अधिकारों पर चर्चा शुरू हो गई है। आइए जानते हैं जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पास क्या-क्या शक्तियां होंगी।

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एलजी की महत्वपूर्ण भूमिका
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था और अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया था। यह पहले चुनाव के बाद का समय है। कानून के जानकार बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 ने यहां की राजनीतिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल (एलजी) की भूमिका अब बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, जिससे नई विधानसभा के अधिकार सीमित हैं।

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प्रशासन का ढांचा
नई विधानसभा की संरचना पिछले विधानसभा से काफी अलग होगी। संवैधानिक बदलावों के तहत जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा छीन लिया गया था, और नई विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश के लिए बनी है। संविधान के अनुच्छेद 239 के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

जम्मू-कश्मीर के एलजी की शक्तियां

कानून के जानकारों का कहना है कि 2019 के अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर के एलजी के पास कई शक्तियां हैं। धारा 53 के अनुसार, मंत्रिपरिषद के कार्यों में वे अपने विवेक से कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस, और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उनके नियंत्रण में होगा। उपराज्यपाल द्वारा किए गए कार्यों की वैधता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।

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विधानसभा की शक्तियां
धारा 32 के तहत, जम्मू-कश्मीर की विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश के लिए कानून बना सकती है, लेकिन इसमें सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस से संबंधित मामले शामिल नहीं हैं। धारा 36 के अनुसार, कोई विधेयक या संशोधन उपराज्यपाल की सिफारिश के बिना विधानसभा में पेश या स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।

इस तरह, जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के पास कुछ सीमित शक्तियां होंगी, और एलजी की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।

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