Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Jan, 2025 09:31 PM
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। इस बार चुनावी मुद्दों में झुग्गीवासियों का मसला काफी प्रमुख बन गया है। दिल्ली की कुल 675 झुग्गियां और करीब 1700 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर (अनधिकृत कॉलोनियां) में रहने वाले करीब...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। इस बार चुनावी मुद्दों में झुग्गीवासियों का मसला काफी प्रमुख बन गया है। दिल्ली की कुल 675 झुग्गियां और करीब 1700 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर (अनधिकृत कॉलोनियां) में रहने वाले करीब 15 लाख मतदाता दिल्ली के कुल मतदाताओं का लगभग 10% हिस्सा बनते हैं। इस तरह, झुग्गीवासियों का वोट बैंक चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभा सकता है।
दिल्ली के चुनावी माहौल में तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां – बीजेपी, कांग्रेस, और आम आदमी पार्टी (आप) – झुग्गीवासियों को अपने पक्ष में लाने के लिए विभिन्न वादे कर रही हैं, जिनमें सबसे बड़ा वादा पक्के घर और नागरिक सुविधाएं देना है।
झुग्गीवासियों की बढ़ती संख्या और आवास की कमी
झुग्गीवासियों की सबसे बड़ी समस्या उनके घरों की कानूनी स्थिति है। इस वर्ग के लोग न केवल बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं, बल्कि अपने घरों को अवैध मानने के कारण भी चिंता में रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में, दिल्ली में कई जगहों पर अवैध निर्माणों को तोड़ने का अभियान चलाया गया था, जिससे झुग्गीवासियों के बीच डर और असुरक्षा की स्थिति बनी रहती है। साल 2024 में जी20 शिखर सम्मेलन से पहले राजधानी के कुछ हिस्सों में झुग्गियों को हटाने का अभियान चला था। इससे झुग्गीवासियों में डर का माहौल था और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी रेलवे के पास झुग्गियां हटाने के आदेश दिए थे, जिससे इस वर्ग में बेचैनी और बढ़ गई थी।
पार्टियों के झुग्गीवासियों के लिए वादे
आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि उसने पहले ही कई झुग्गीवासियों को आवासीय सुरक्षा और पुनर्वास मुहैया कराया है। दिल्ली में इन-सीटू पुनर्विकास योजना के तहत, कुछ झुग्गी परिवारों को फ्लैट भी दिए गए हैं। आप पार्टी का कहना है कि यह योजना दिल्ली के झुग्गीवासियों के लिए एक बड़ा कदम है और वे आगे भी इसी तरह के कार्यों को बढ़ावा देंगे। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही अपने चुनावी घोषणापत्र में झुग्गीवासियों के लिए पुनर्वास योजना का वादा कर रही हैं। बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में झुग्गी विस्तारक योजना का ऐलान किया था, जबकि कांग्रेस भी जल्द ही 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' नामक अभियान के जरिए झुग्गीवासियों के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।
पार्टियों के दावों पर सवाल
जहां एक ओर आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी उपलब्धियों का दावा किया है, वहीं बीजेपी ने इन दावों को गलत बताया है। पिछले रविवार को अरविंद केजरीवाल ने शकूर बस्ती में एक रैली के दौरान कहा कि भारतीय रेलवे ने इस इलाके पर बनने वाले प्रोजेक्ट का टेंडर पारित किया है, लेकिन उत्तर रेलवे ने इस दावे का खंडन किया है और कहा कि ऐसा कोई टेंडर पारित नहीं हुआ है।
वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने राजीव आवास योजना के तहत नरेला में 50,000 फ्लैट खाली छोड़ दिए थे, जो कि झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए निर्धारित थे।
5 फरवरी को होंगे चुनाव, परिणाम 8 को
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी, और 8 फरवरी को परिणामों की घोषणा की जाएगी। दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष, 71.74 लाख महिलाएं, और 25.89 लाख युवा मतदाता हैं। खास बात यह है कि इस बार 2.08 लाख नए मतदाता भी चुनाव में भाग लेंगे। इसके अलावा, दिल्ली में 13,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं।