700 CCTV कैमरों को खंगाला, आखिरकार कैसे पकड़े गए सराय काले खां गैंगरेप के गुनहगार!

Edited By Rahul Rana,Updated: 07 Nov, 2024 01:16 PM

how the culprits of sarai kale khan gangrape were caught

दिल्ली पुलिस द्वारा बीते 11 अक्टूबर को राजधानी के सराय काले खां में हुए गैंगरेप मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस को ये सफलता बड़ी मुश्किल से मिली है। दिल्ली पुलिस ने इसके लिए 700 सीसीटीवी कैमरे और 150 से ज्यादा ऑटो रिक्शा...

नेशनल डेस्क। दिल्ली पुलिस द्वारा बीते 11 अक्टूबर को राजधानी के सराय काले खां में हुए गैंगरेप मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस को ये सफलता बड़ी मुश्किल से मिली है। दिल्ली पुलिस ने इसके लिए 700 सीसीटीवी कैमरे और 150 से ज्यादा ऑटो रिक्शा वालों से पूछताछ की। आपको बता दें कि 11 अक्टूबर को दिल्ली के सराय काले खां में खून से सनी हुई एक लड़की मिली थी जिसका तीन लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया था।

पीड़िता का अभी भी चल रहा इलाज 

इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि पीड़िता का अभी भी इलाज चल रहा है। इस मामले में जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान हो गई है। पुलिस ने बताया कि 11 अक्टूबर को सुबह करीब 3 बजे पीसीआर पर सूचना मिली कि सराय काले खां इलाके में एक लड़की मिली है। सूचना देने वाले शख्स ने बताया कि लड़की ने लाल कुर्ता पहना हुआ है और उसकी शरीर से खून बह रहा है। इतना बताते हुए कॉल करने वाले ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि या तो लड़की के साथ कुछ गलत हुआ है या उसको चोट लगी है।

तीनों आरोपियों की हुई पहचान 

वहीं इस मामले की सूचने मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को इलाज के लिए तुरंत एम्स अस्पताल ले गई। यहां पहुंचने पर पीड़िता ने बताया कि उसके साथ तीन अनजान लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया। इतना बताने के बाद लड़की कुछ बोल नहीं पाई। डॉक्टरों का कहना है कि लड़की अब कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं है। इस मामले की जांच करने में पुलिस ने लगभग एक महीने का समय लिया। अब मामले का खुलासा कर दिया गया है। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों की पहचना भी बताई है। आरोपियों की पहचान प्रभु महतो, प्रमोद बाबू और मोहम्मद शम्सुल के रूप में हुई है। 


पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती

वहीं इस घटना के बाद से पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि अपराध को कहां और किस समय अंजाम दिया गया? इसकी जानकारी नहीं थी। पुलिस ने इसकी जांच के लिए 10 टीमों का गठन किया। लगातार जांच करने के दौरान पुलिस की 10 टीमों ने मिलकर करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की जांच की और उनकी फुटेज भी देखी। फुटेज और ऑटो रिक्शा का वेरीफिकेशन करने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 

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