कैसा रहा मदरसे से लेकर AMU तक का सफर, स्थापना की वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Edited By Utsav Singh,Updated: 09 Sep, 2024 07:09 PM

how was the journey from madrasa to amu you will be surprised

9 सितंबर 1920 का दिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसी दिन, अलीगढ़ का एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया गया। इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के पीछे की कहानी बहुत...

नेशनल डेस्क : 9 सितंबर 1920 का दिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसी दिन, अलीगढ़ का एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया गया। इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के पीछे की कहानी बहुत प्रेरणादायक और दिलचस्प है।

अंग्रेजों का मुकाबला करने के लिए हुई थी स्थापना
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने रखी थी। 1857 की क्रांति ने सर सैयद को गहराई से प्रभावित किया। उनके परिवार के लोग भी अंग्रेजों के अत्याचारों के शिकार हुए थे। जिसेक बाद उन्होंने महसूस किया कि मुसलमानों को आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता है ताकि वे अंग्रेजों की चुनौती का सामना कर सकें। सर सैयद ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए और 1877 में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की, जो कि आगे चलकर 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। उन्होंने आधुनिक शिक्षा की बारीकियों को जानने के लिए इंग्लैंड का रुख किया और 1870 में वहां पहुंचे। 

ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज के दौरै के बाद 7 छात्रों के साथ...
उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे विश्व विख्यात संस्थानों का दौरा किया और वहां की शिक्षा व्यवस्था को करीब से समझने की कोशिश की। वहां के शिक्षा प्रणाली का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि भारतीय बच्चों को भी आधुनिक और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सकती है। इंग्लैंड से लौटने के बाद, उन्होंने अलीगढ़ में सिर्फ सात छात्रों के साथ मदरसे की स्थापना की और उन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया। इस मदरसे की लोकप्रियता धीरे-धीरे फैलने लगी और बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी। जो धीरे-धीरे और लोकप्रिय हुआ। जिसे 1877 में कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया।

यहां के छात्रों को मिल चुका है भारत रत्न
आज, एएमयू एक प्रतिष्ठित और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान है। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद-7 के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। यहाँ 110 से अधिक विभाग हैं और यह एक आवासीय विश्वविद्यालय है जहाँ प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। एएमयू के पूर्व छात्रों में कई प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें दो भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति भी शामिल हैं। एएमयू ने अपनी बुलंद बुनियाद के साथ आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसका प्रभाव दुनियाभर में महसूस किया जा सकता है।

 

 

 

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