Edited By Rohini Oberoi,Updated: 20 Mar, 2025 03:26 PM

एचपी (ह्यूलट-पैकार्ड) के सीईओ एनरिक लोरेस ने भारत में कंपनी की बढ़ती उपस्थिति और विस्तार की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचपी भारत में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए एक दो-आयामी रणनीति अपना रहा है। कंपनी न सिर्फ स्थानीय...
नेशनल डेस्क। एचपी (ह्यूलट-पैकार्ड) के सीईओ एनरिक लोरेस ने भारत में कंपनी की बढ़ती उपस्थिति और विस्तार की योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचपी भारत में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए एक दो-आयामी रणनीति अपना रहा है। कंपनी न सिर्फ स्थानीय विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी बल्कि सॉफ्टवेयर विकास में काम कर रहे भारतीय इंजीनियरों को भी शामिल करेगी ताकि वह अपने उत्पादों में उन्नत सॉफ़्टवेयर सुविधाएं प्रदान कर सकें।
भारत में HP की बढ़ती उपस्थिति
एनरिक लोरेस ने कहा, "भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जहां हमारे सबसे अधिक कर्मचारी हैं और इनमें से बड़ी संख्या में इंजीनियर हैं जो सॉफ़्टवेयर विकास में काम कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इन इंजीनियरों के योगदान से हमारे बाकी उत्पादों में नई तकनीकी सुविधाओं का समावेश होगा।"
पीसी बाजार में एचपी की स्थिति
भारत पहले ही एचपी के लिए एक महत्वपूर्ण पीसी बाजार बन चुका है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के अनुसार भारत में एचपी सबसे बड़ी पीसी निर्माता कंपनी है। लोरेस ने बताया कि एचपी की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी विभिन्न श्रेणियों में सबसे अधिक है और कंपनी भारत में आंतरिक विकास और शोध कर रही है जिसका लाभ कंपनी के अन्य वैश्विक उत्पादों में भी देखने को मिलेगा।
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भारत में विनिर्माण और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना
एचपी ने पिछले साल के अंत में भारतीय अनुबंध निर्माता डिक्सन टेक्नोलॉजीज को "मेक इन इंडिया" योजना के तहत लैपटॉप और डेस्कटॉप बनाने का ऑर्डर दिया था। इसके माध्यम से एचपी अपने उत्पादों की कीमत को कम करने में सक्षम होगी जिससे उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। लोरेस ने बताया, "भारत में उत्पादों का निर्माण स्थानीय स्तर पर किया जाना चाहिए और इस दिशा में हम अप्रैल महीने से भारत में नोटबुक उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं।"
चीन पर निर्भरता कम करना
एचपी और अन्य तकनीकी कंपनियां भारत में अपने ध्यान केंद्रित कर रही हैं ताकि चीन पर उनकी निर्भरता कम हो सके। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण कई कंपनियां चीन से अपनी उत्पादन सुविधाएं बाहर स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं। एचपी को भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का सामना करना पड़ा है जिससे कंपनी ने भारत में अधिक उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई है।
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भारत में PC की बढ़ती मांग और AI सुविधाएं
स्मार्टफोन की तुलना में भारत में पीसी की पहुंच अभी भी कम है जिससे एचपी जैसी कंपनियों को इस बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल रहा है। इसके अलावा एचपी अब अपने पीसी में बिल्ट-इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सुविधाएं जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिससे यह कंपनियां और छोटे व्यवसायों के लिए आदर्श बन सकें। एचपी का मानना है कि भारत में एआई आधारित पीसी की मांग बढ़ेगी।
स्थानीय AI मॉडल के साथ नई योजनाएं
लोरेस ने यह भी साझा किया कि एचपी स्थानीय रूप से विकसित AI मॉडल को अपने उत्पादों में लागू करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कंपनी स्पेन और सऊदी अरब में स्थानीय विश्वविद्यालयों और सरकारों के साथ मिलकर स्पेनिश और अरबी भाषाओं के लिए AI मॉडल विकसित कर रही है और इसी तरह के मॉडल भारत में भी विकसित किए जा सकते हैं।
अंत में कहा जा सकता है कि एचपी भारत में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। कंपनी का उद्देश्य न सिर्फ स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना है बल्कि भारतीय इंजीनियरों को अपनी सॉफ़्टवेयर टीम में शामिल कर अपने उत्पादों को और अधिक उन्नत बनाना है। साथ ही एचपी चीन पर अपनी निर्भरता कम करते हुए भारत में अपने उत्पादन को बढ़ा रही है जिससे उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाभ मिलेगा।