Edited By Parveen Kumar,Updated: 21 Apr, 2025 07:54 PM
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा खासा इज़ाफा हो सकता है। इसके साथ ही HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस (मकान किराया भत्ता) में...
नेशनल डेस्क : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा खासा इज़ाफा हो सकता है। इसके साथ ही HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस (मकान किराया भत्ता) में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
HRA क्यों है ज़रूरी?
हर वेतन आयोग के साथ HRA की दरें भी बदली जाती हैं। 6वें वेतन आयोग में HRA की दरें थीं –
X शहर: 30%
Y शहर: 20%
Z शहर: 10%
7वें वेतन आयोग में इन्हें घटाकर किया गया –
X शहर: 24%
Y शहर: 16%
Z शहर: 8%
लेकिन जैसे ही महंगाई भत्ता (DA) 50% तक पहुंचा, HRA फिर से बढ़ाकर 30%, 20%, और 10% कर दिया गया। इसका मतलब HRA की दरें सीधे DA और बेसिक सैलरी से जुड़ी होती हैं।
8वें वेतन आयोग में क्या हो सकता है बदलाव?
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो HRA की दरों को भी नए सैलरी ढांचे के अनुसार बदला जा सकता है। चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 तक बढ़ाया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है, तो नई सैलरी ₹57,600 हो सकती है। ऐसे में HRA भी इसी नई सैलरी पर आधारित होगा, जिससे भत्ते की राशि भी बढ़ जाएगी।
HRA की दरें क्यों बढ़ाई जाती हैं?
महंगाई और किराए में बढ़ोतरी: समय के साथ किराए बढ़ते हैं, इसलिए HRA भी बढ़ाया जाता है।
बेसिक सैलरी में बदलाव: हर वेतन आयोग में बेसिक सैलरी बदलती है, जिससे HRA की दरें भी बदली जाती हैं।
शहरों की कैटेगरी में बदलाव: सरकार समय-समय पर शहरों की X, Y, Z कैटेगरी अपडेट करती है, जिससे HRA बदलता है।
क्या HRA फिर से बढ़ेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग में HRA की दरों में बदलाव लगभग तय है। इसके साथ DA के बढ़ने पर HRA में भी स्वतः वृद्धि का प्रावधान रहेगा। इससे कर्मचारियों की जेब में ज्यादा पैसा पहुंचेगा।