Edited By Mahima,Updated: 07 Jan, 2025 03:54 PM
हैदराबाद में 40 कुत्तों को एक पुल से फेंका गया, जिससे 21 की मौत हो गई और 11 गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी कुत्तों के हाथ, पैर और मुंह बांधकर फेंका गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। पशु कल्याण संगठनों ने...
नेशनल डेस्क: हैदराबाद से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो न केवल शहर, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख देगी। यहां 40 कुत्तों को 40 फीट ऊंचे पुल से नीचे फेंका गया, जिससे 21 कुत्तों की मौत हो गई, जबकि 11 कुत्ते बुरी तरह से घायल हो गए। यह घिनौनी घटना 4 जनवरी को हुई और इसे लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पशु कल्याण संगठन 'सिटीजन फॉर एनिमल्स' ने इस घटना की जानकारी मिलने के बाद तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हालांकि इस क्रूर कृत्य को किसने अंजाम दिया, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है, और पुलिस आरोपी का पता लगाने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद जब 'सिटीजन फॉर एनिमल्स' के वॉलंटियर्स मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सभी कुत्तों के हाथ-पैर बंधे हुए थे, और उनके मुंह भी बंधे थे। यह स्थिति उस समय की थी जब कई कुत्तों के शव पानी में तैर रहे थे, जिनमें कीड़े पड़ चुके थे और वे बुरी तरह से सड़कर बदबू दे रहे थे। यह दृश्य न केवल दिल दहलाने वाला था, बल्कि यह दर्शाता था कि कुत्तों के साथ यह क्रूरता जानबूझकर और पूर्व नियोजित तरीके से की गई थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब आरोपी का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कुत्तों को एक पुल से नीचे फेंका गया। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह घटना किसने और क्यों की। मृत कुत्तों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रही है, ताकि अपराधियों का पता लगाया जा सके।
सिटीजन फॉर एनिमल्स के वॉलंटियर्स ने इस घटना की जानकारी मिलने के बाद तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हालांकि, डंपिंग साइट की गहराई बहुत अधिक थी, जिससे कुत्तों को बाहर निकालने में कई कठिनाइयाँ आईं। इसके बावजूद, वॉलंटियर्स ने हार नहीं मानी और उन्होंने एनिमल वॉरियर्स कंजर्वेशन सोसाइटी (AWCS) और पीपुल फॉर एनिमल्स (PFA) की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखा। कई घंटों की मशक्कत के बाद, 11 कुत्तों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया, जबकि 21 कुत्तों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। घायल कुत्तों को रेस्क्यू करने के बाद उन्हें पीपुल फॉर एनिमल्स (PFA) में भर्ती करवा दिया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। रेस्क्यू के दौरान यह भी पाया गया कि कुत्तों के शरीर पर गंभीर चोटें थीं और उनमें से कुछ की हालत नाजुक थी।
इस घटना को लेकर पशु कल्याण संगठनों और अधिकारों के पक्षधर लोगों ने गहरी निंदा की है। 'सिटीजन फॉर एनिमल्स' और अन्य पशु कल्याण संगठनों ने इस क्रूर कृत्य को इंसानियत के खिलाफ गंभीर अपराध करार दिया है। इन संगठनों का कहना है कि यह घटना न केवल कुत्तों के साथ क्रूरता का प्रतीक है, बल्कि हमारे समाज में बढ़ती हुई पशु क्रूरता को भी उजागर करती है। संगठनों ने पुलिस से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि इस तरह के अपराधों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के पीछे की असल वजह क्या थी। क्या यह एक मामूली क्रूरता का मामला था, या फिर इसका कोई अन्य उद्देश्य था? क्या यह एक साजिश थी, जिसमें कुत्तों को जानबूझकर निशाना बनाया गया? इन सवालों के जवाब के लिए पुलिस लगातार जांच कर रही है। आसपास के इलाकों में लोगों से पूछताछ की जा रही है, ताकि कोई सुराग मिल सके। रेस्क्यू किए गए कुत्तों को पीएफए में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घायल कुत्तों को पूरी तरह से ठीक होने में वक्त लगेगा, और इस उपचार की लागत काफी अधिक हो सकती है। पशु कल्याण संगठनों ने इस संकट के समय में कुत्तों की मदद के लिए सभी से मदद की अपील की है। इस घटना के बाद अब यह समय है कि समाज, पशु कल्याण संगठनों और पुलिस मिलकर इस मामले की सख्त जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस प्रकार की क्रूरता को रोका जा सके। समाज में ऐसे अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी और सख्त कानूनों की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है।