Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Feb, 2025 12:52 PM
ज्योतिबानगर के ढाणी नयाकुंआ में सोमवार देर शाम एक दिल को छू लेने वाली घटना घटी। यहां 70 वर्षीय मांगी देवी की मौत हो गई, जिससे उनका पति 75 वर्षीय प्रभातीलाल सैनी पूरी तरह से टूट गए। पत्नी के निधन की खबर सुनते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई, और कुछ ही घंटों...
नेशनल डेस्क: ज्योतिबानगर के ढाणी नयाकुंआ में सोमवार देर शाम एक दिल को छू लेने वाली घटना घटी। यहां 70 वर्षीय मांगी देवी की मौत हो गई, जिससे उनका पति 75 वर्षीय प्रभातीलाल सैनी पूरी तरह से टूट गए। पत्नी के निधन की खबर सुनते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई, और कुछ ही घंटों बाद प्रभातीलाल भी इस दुनिया को अलविदा ले गए।
प्रेम की अनोखी मिसाल
यहां इस जोड़ी ने शादी के सात फेरे लेते समय एक-दूसरे से साथ जीने और मरने की कस्में खाई थीं, और वे अपनी इस कसमें को पूरी तरह से निभाते हुए एक साथ ही दुनिया से रुखसत हो गए। एक ही चिता पर दोनों पति-पत्नी का अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए रिश्तेदारों के अलावा सैकड़ों लोग मौजूद थे, और उनकी यादों को संजोते हुए पूरे गांव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रभातीलाल और मांगी देवी की शादी को 50 वर्ष से अधिक का वक्त हो चुका था। दोनों को ज्योतिबानगर क्षेत्र में ताऊ और बड़ी मां के नाम से पहचाना जाता था। उनका प्रेम, समर्पण और एक-दूसरे के लिए अथाह स्नेह एक उदाहरण बना। गांववाले बताते हैं कि इन दोनों की जोड़ी गांव में हमेशा ही आदर्श के रूप में रही है।
एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
प्रभातीलाल की मृत्यु के बाद दोनों की अर्थी एक साथ घर से निकाली गई, और उन्हें एक ही चिता पर रखकर अग्नि दी गई। रिश्तेदारों और सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में यह दृश्य बेहद भावुक और श्रद्धांजलि से भरा हुआ था।