Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Jan, 2025 08:42 AM
हैदराबाद मेट्रो, जिसे शहर की लाइफलाइन कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका साबित की है। मेट्रो न केवल यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का साधन है, बल्कि इसने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अनोखा योगदान दिया है। 17 जनवरी 2025...
नेशनल डेस्क: हैदराबाद मेट्रो, जिसे शहर की लाइफलाइन कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका साबित की है। मेट्रो न केवल यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का साधन है, बल्कि इसने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अनोखा योगदान दिया है। 17 जनवरी 2025 को मेट्रो ने 13 किलोमीटर की दूरी को मात्र 13 मिनट में तय कर एक डोनर हार्ट को ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचाया।
यह अनूठा मिशन रात 9:30 बजे शुरू हुआ, जब मेट्रो ने एलबी नगर स्थित कामिनेनी अस्पताल से लकड़ी का पुल इलाके के ग्लेनीगल्स ग्लोबल अस्पताल तक डोनर हार्ट को पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराया। 13 मेट्रो स्टेशनों से गुजरते हुए इस सफर को मेट्रो ने बिना किसी बाधा के पूरा किया। मेट्रो की तेज रफ्तार और कुशल प्रबंधन के कारण इस जीवन रक्षक मिशन में कीमती समय बचाया जा सका।
मेडिकल टीम ने संभाली जिम्मेदारी
कामिनेनी अस्पताल की मेडिकल टीम ने डोनर हार्ट को एक विशेष मेडिकल बॉक्स में रखा और मेट्रो से सफर कर उसे ग्लेनीगल्स ग्लोबल अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया। इस दौरान मेट्रो के अंदर डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी देखी गई। सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोग मेट्रो की इस उपलब्धि की सराहना कर रहे हैं।
13 स्टेशन, 13 मिनट
कामिनेनी अस्पताल से ग्लेनीगल्स ग्लोबल अस्पताल के बीच की दूरी 13 किलोमीटर है, जिसमें 13 मेट्रो स्टेशन आते हैं। आम दिनों में इस सफर में अधिक समय लग सकता था, लेकिन ग्रीन कॉरिडोर की मदद से मेट्रो ने इसे 13 मिनट में पूरा कर दिखाया। इस मिशन ने न केवल मरीज की जान बचाई बल्कि यह साबित किया कि हैदराबाद मेट्रो संकट की घड़ी में भी एक मजबूत सहायक बनकर उभर सकती है।
तकनीक और मानवता का मेल
यह मिशन एक बार फिर दिखाता है कि कैसे आधुनिक तकनीक और इंसानी प्रयास मिलकर बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। मेट्रो की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में एक मील का पत्थर है, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में नई उम्मीद भी जगाती है।