Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Sep, 2024 05:34 PM
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा क्षेत्र में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते समय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत खराब हो गई। चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के बाद खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता से हटने से पहले वह...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा क्षेत्र में रविवार को एक जनसभा को संबोधित करते समय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तबीयत खराब हो गई। चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के बाद खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता से हटने से पहले वह “मरने वाले नहीं हैं”। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा जांच के बाद खरगे की हालत अब स्थिर है। खरगे कठुआ में आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान में शहीद हुए हेड कांस्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे। इस घटना में दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और एक आतंकवादी मारा गया है।
कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बताया, “वह जसरोटा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी महसूस हुई और चक्कर आने लगा। उनके सहयोगियों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाने में मदद की।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की हालत स्थिर है। रैली स्थल पर चिकित्सा सहायता मिलने के बाद खरगे ने कहा, “मैं 83 साल का हूं। मैं इतनी जल्दी नहीं मरने वाला हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते...।” उन्होंने कहा, “मैं बात करना चाहता था। लेकिन चक्कर आने के कारण मैं बैठ गया। कृपया मुझे माफ करें।”
बाद में कांग्रेस पार्टी से हुए पूर्व प्रधानमंत्रियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए खरगे ने कहा, “बांग्लादेश को किसने आजाद कराया? इंदिरा गांधी ने ऐसा किया। ‘जय जवान जय किसान' का नारा हमने दिया था। पाकिस्तान को हमने हराया। लाल बहादुर शास्त्री ने उसे हराया। यह कांग्रेस है।”
खरगे विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते एक रैली को संबोधित करने जसरोटा पहुंचे थे। उनका उधमपुर जिले के रामनगर में एक और सार्वजनिक रैली को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा कि खरगे को चक्कर आया और उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, जहां जांच के लिए डॉक्टरों को बुलाया गया। उन्होंने कहा कि डाक्टर सलाह देंगे कि वह दूसरी रैली में भाग ले सकते हैं या नहीं।