'मुझे '10 जनपथ' बहुत ज्यादा पसंद नहीं, क्योंकि यहीं रहते मेरे...', जानिए राहुल गांधी ऐसा क्यों बोले

Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Nov, 2024 05:44 PM

i don t like 10 janpath very much father died while living here rahul gandhi

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि दिल्ली के लुटियन क्षेत्र स्थित सरकारी आवास ‘10 जनपथ' उन्हें बहुत ज्यादा पसंद नहीं हैं, क्योंकि यहीं रहते हुए उनके पिता राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी। उन्होंने दिवाली के अवसर पर कुछ पेंटर और कुम्हार...

नेशनल डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि दिल्ली के लुटियन क्षेत्र स्थित सरकारी आवास ‘10 जनपथ' उन्हें बहुत ज्यादा पसंद नहीं हैं, क्योंकि यहीं रहते हुए उनके पिता राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी। उन्होंने दिवाली के अवसर पर कुछ पेंटर और कुम्हार परिवारों के साथ बातचीत करने से जुड़े अपने एक वीडियो में यह टिप्पणी की।

मुझे ‘10 जनपथ' पसंद नहीं- राहुल गांधी 
इस वीडियो में उनके साथ भांजे रेहान राजीव वाद्रा भी नजर आ रहे हैं। वीडियो में राहुल गांधी और रेहान पेंटरों के साथ काम करते भी देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में राहुल गांधी अपने भांजे से कहते हैं, ‘‘यहां मेरे पिता की मौत हुई, इसलिए मुझे यह मकान बहुत ज्यादा पसंद नहीं है।'' पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उस वक्त राजीव गांधी का आधिकारिक आवास ‘10 जनपथ' था। इसके बाद से उनकी पत्नी एवं कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी इसी आवास में रहती हैं।

पिछली लोकसभा में एक अदालती फैसले के कारण अपनी सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी ने पिछले साल तुगलक लेन स्थित अपना आवास खाली कर दिया था और इसके बाद से वह अपनी मां के साथ रह रहे हैं। बाद में उनकी सदस्यता बहाल भी हो गई थी। राहुल गांधी ने पेंटरों और कुम्हारों के परिवारों के साथ बातचीत में उनके अनुभवों और काम की स्थिति के बारे में जाना।


घरौंदे बनाने वाले अपने घर मुश्किल से चला पाते हैं- राहुल गांधी 
उन्होंने अपने ‘यूट्यूब' चैनल पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘एक यादगार दिवाली, खास लोगों के साथ। यह दिवाली कुछ पेंटर भाइयों के साथ काम कर, एक कुम्हार परिवार के साथ मिट्टी के दीये बनाकर मनाई। उनके काम को नज़दीक से देखा, उनका हुनर सीखने की कोशिश की और उनकी तकलीफों एवं समस्याओं को समझा।'' राहुल गांधी का कहना है, ‘‘वे (लोग) अपने घर नहीं जाते हैं। हम त्योहार खुशी से मना लें, थोड़े पैसे कमा लें, इसलिए अपना गांव, शहर, परिवार सब भूल जाते हैं। वे मिट्टी से खुशियां बनाते हैं, दूसरों के पर्व को रोशन करते-करते क्या खुद उजालों में जी पाते हैं? घरौंदे बनाने वाले अपने घर मुश्किल से चला पाते हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘दिवाली मतलब प्रकाश, जो गरीबी और मजबूरी का अंधेरा दूर कर पाए, जिसकी लौ में हर गृहस्थी मुस्कुराए। हमें एक ऐसा सिस्टम बनाना है- जो हुनर को हक़ और योगदान को सम्मान दिलाए- सबकी दिवाली, खुशियों वाली बनाए।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आशा करता हूं यह दिवाली आप सभी के जीवन में समृद्धि, तरक्की और मोहब्बत लेकर आए।''  

 

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