Edited By Parveen Kumar,Updated: 22 Nov, 2024 03:50 PM
55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जीवनी पर आधारित फिल्म की टीम ने मीडिया से बातचीत की। फिल्म को भारतीय पैनोरमा खंड के उद्घाटन के रूप में प्रदर्शित किया गया, और इस कार्यक्रम ने फिल्म की रचनात्मक...
नेशनल डेस्क : 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जीवनी पर आधारित फिल्म की टीम ने मीडिया से बातचीत की। फिल्म को भारतीय पैनोरमा खंड के उद्घाटन के रूप में प्रदर्शित किया गया, और इस कार्यक्रम ने फिल्म की रचनात्मक यात्रा और ऐतिहासिक महत्व को साझा करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया।
फिल्म में वीर सावरकर का किरदार निभाने और इसे निर्देशित करने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा ने फिल्म के निर्माण की चुनौतियों पर बात करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सावरकर द्वारा सामना किए गए संघर्षों से इन चुनौतियों की तुलना की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "वीर सावरकर की असली कहानी को सामने लाना हमारे लिए बहुत जरूरी था।
सावरकर हमेशा चाहते थे कि भारत सैन्य रूप से मजबूत हो, और आज हम देख सकते हैं कि हमारी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। यह फिल्म दिखाती है कि किस तरह सावरकर और उनके समकालीन क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता की लड़ाई में हथियार उठाने के लिए प्रेरित किया।"
फिल्म में भीकाजी कामा का किरदार निभा रही अभिनेत्री अंजलि हुड्डा ने बताया कि इस भूमिका ने सावरकर के निजी जीवन को समझने में उनकी दृष्टि को गहरा किया। उन्होंने कहा, "यह फिल्म मेरे लिए एक आंख खोलने वाली अनुभव थी। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी और फिल्में बनेंगी, जो हमारे भूले हुए नायकों की कहानियों को उजागर करें।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म के अन्य कलाकार जय पटेल, मृणाल दत्त और अमित सियाल भी शामिल हुए। उन्होंने फिल्म निर्माण के अनुभव साझा किए और भारतीय सिनेमा में इस तरह की फिल्मों की अहमियत पर चर्चा की। यह फिल्म भारत की आजादी के अनकहे नायकों में से एक वीर सावरकर की अनकही कहानी को सामने लाती है। यह फिल्म सावरकर के मातृभूमि के प्रति प्रेम और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके द्वारा झेले गए कष्टों और बलिदानों को उजागर करती है, जो आज भी प्रेरणा देने वाली हैं।