Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Nov, 2024 06:19 PM
दिवाली के बाद से ही उत्तर भारत में पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में दिल्ली में हर साल नवंबर में बच्चों के लिए पॉल्यूशन ब्रेक रखा जाता है, क्योंकि इस दौरान शहर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद के...
नेशनल डेस्क: दिवाली के बाद से ही उत्तर भारत में पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में दिल्ली में हर साल नवंबर में बच्चों के लिए पॉल्यूशन ब्रेक रखा जाता है, क्योंकि इस दौरान शहर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 300 के पार पहुंच चुका है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पॉल्यूशन ब्रेक की शुरुआत 2023 में, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए, स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को एक हफ्ते के लिए बंद किया गया था। इस साल भी, बढ़ते प्रदूषण के कारण अभिभावक मांग कर रहे हैं कि स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाए ताकि बच्चों की सेहत पर इसका बुरा असर न पड़े।
कब मिल सकती है छुट्टी?
दिल्ली का औसत एक्यूआई 450 पार करते ही, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्तर 4 लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद, सरकार स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्णय ले सकती है। पिछले साल पॉल्यूशन ब्रेक के दौरान स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलाई गई थीं ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। इस बार भी ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की जा सकती है। कई स्कूलों ने पहले ही मॉर्निंग असेंबली और आउटडोर गेम्स पर रोक लगा दी है।