झारखंड का मुख्यमंत्री रहते मेरा अपमान हुआ, मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं : चंपई सोरेन

Edited By Parveen Kumar,Updated: 18 Aug, 2024 09:54 PM

i was insulted as the chief minister of jharkhand all options are open for me

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता चंपई सोरेन ने रविवार कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने ‘‘अत्यधिक अपमान'' झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचने के...

नेशनल डेस्क : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता चंपई सोरेन ने रविवार कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने ‘‘अत्यधिक अपमान'' झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद उनका यह बयान आया। चंपई सोरेन ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया।'' उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। चंपई सोरेन ने कहा, “पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।”

उन्होंने सवाल किया, “क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?” चंपई सोरेन ने दावा किया, “कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था।” उन्होंने लिखा कि भावुक होकर वह आंसुओं को संभालने में लगे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिए बिना उनका हवाला देते हुए) सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिसके लिए हमने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।''

उन्होंने कहा कि इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र वह फिलहाल नहीं करना चाहते हैं। चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।'' चंपई सोरेन ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है और वह नहीं चाहते हैं कि कोई अन्य पार्टी सदस्य इसमें शामिल हो या संगठन को कोई नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के बारे में कभी नहीं सोच सकता जिसे हमने अपने खून-पसीने से सींचा है। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बना दी गई हैं कि...'' पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह सक्रिय होते तो चीजें अलग होतीं।''

चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक, मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस दौरान हमने जनहित में कई फैसले लिए और हमेशा की तरह, हर किसी के लिए सदैव उपलब्ध रहा। बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों एवं समाज के हर तबके तथा राज्य के हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए हमने जो निर्णय लिए, उसका मूल्यांकन राज्य की जनता करेगी।'' उन्होंने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रुप में पदभार संभाला था। इससे पहले उनके पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन ने धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। तीन जुलाई को हेमंत सोरेन को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था। फिर चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना तयागपत्र सौंप दिया था जिससे हेमंत सोरेन के पुन: मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ। हेमंत सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 

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