Edited By Rohini Oberoi,Updated: 24 Mar, 2025 03:27 PM

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी हाल ही में भारत आए थे जहां उन्होंने शीर्ष नीति निर्माताओं से मुलाकात की। उन्होंने अपने दौरे के दौरान ईरान और यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा स्थितियों पर चर्चा की और भारत की परमाणु...
नेशनल डेस्क। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी हाल ही में भारत आए थे जहां उन्होंने शीर्ष नीति निर्माताओं से मुलाकात की। उन्होंने अपने दौरे के दौरान ईरान और यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा स्थितियों पर चर्चा की और भारत की परमाणु ऊर्जा पहल की सराहना की। ग्रॉसी ने इन मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।
ईरान में परमाणु स्थिति पर राफेल ग्रॉसी का बयान
ग्रॉसी ने कहा कि ईरान के पास अभी परमाणु हथियार नहीं हैं लेकिन वह लगभग हथियार स्तर के यूरेनियम का संवर्धन कर रहा है। उन्होंने बताया कि ईरान ने कई बार IAEA से कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। हालांकि ग्रॉसी ने यह भी स्पष्ट किया कि एजेंसी पूरी तरह से निष्पक्ष है लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी स्थिति सामान्य नहीं मानी जाए।
ग्रॉसी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत महत्वाकांक्षी और तकनीकी रूप से उन्नत बताया और कहा कि ईरान को जवाब देना होगा। उन्होंने चीन, रूस और ईरान के बीच हाल ही में बीजिंग में हुई बैठक को सकारात्मक कदम बताया। ग्रॉसी का मानना है कि एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग होना चाहिए ताकि तनाव बढ़ने से बचा जा सके खासकर मध्य पूर्व में चल रही स्थिति के संदर्भ में।
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यूक्रेन में परमाणु स्थिति पर ग्रॉसी की चिंता
ग्रॉसी ने यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि यह संयंत्र अग्रिम पंक्ति में है और कई बार हमले का शिकार हो चुका है। कई बार बिजली आपूर्ति में रुकावटें आई हैं जिससे परमाणु संयंत्र पर खतरा पैदा हो गया है। हालांकि IAEA की उपस्थिति ने कुछ जोखिमों को कम किया है लेकिन ये पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं। ग्रॉसी ने यह भी कहा कि युद्धविराम और शांति की संभावनाओं को लेकर सभी को उम्मीद है लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता परमाणु दुर्घटनाओं की चिंता बनी रहती है।
भारत की परमाणु ऊर्जा पहल पर ग्रॉसी की सराहना
भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के बारे में ग्रॉसी ने कहा कि यह बहुत सकारात्मक है। उन्होंने भारत की स्वदेशी परमाणु ऊर्जा तकनीक की तारीफ की जिसे शुरू में पश्चिमी देशों से प्राप्त किया गया था और फिर भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता को बढ़ाया। आज भारत में कई उन्नत रिएक्टर काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत में परमाणु ऊर्जा का योगदान अभी राष्ट्रीय बिजली उत्पादन का छोटा हिस्सा है लेकिन सरकार का 100 गीगावाट से अधिक उत्पादन का लक्ष्य पूरी तरह से संभव है।
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ग्रॉसी ने भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला देश माना और कहा कि भारत को अपनी परमाणु तकनीक का निर्यात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक बाजार में सक्रिय विक्रेताओं के परिवार में शामिल होने का पूरा हक है।
छोटे रिएक्टरों के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका
भारत सरकार ने छोटे रिएक्टरों के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को अनुमति देने का निर्णय लिया था जिसे ग्रॉसी ने एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा पूंजी-गहन है और इसे केवल सार्वजनिक उपयोगिताओं से ही नहीं बल्कि सार्वजनिक-निजी साझेदारी या निजी स्वामित्व के संयंत्रों के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है। ग्रॉसी ने इसे भारत के दृष्टिकोण में बदलाव के रूप में देखा जोकि सही दिशा में एक बड़ा कदम है।
वहीं राफेल ग्रॉसी का भारत दौरा और उनकी टिप्पणियां यह दर्शाती हैं कि भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। साथ ही उन्होंने वैश्विक परमाणु ऊर्जा सुरक्षा और शांति के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।