mahakumb

IAS डॉ. सुमिता मिश्रा ने रिलीज की बुक, कहा- कविता के लिबास में मेरे कुछ ख़्याल 'लम्हों की शबनम' में आपको समर्पित

Edited By Rahul Rana,Updated: 01 Nov, 2022 07:29 PM

ias dr sumita mishra released the book

देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सुमिता मिश्रा की पाँचवी पुस्तक ‘लम्हों की शबनम’ पाठकों के लिए सामने आ चुकी है। डॉ. मिश्रा अपनी कविताओं के ज़रिये सामाजिक मुद्दों से लेकर महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं।

नई दिल्ली : देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सुमिता मिश्रा की पाँचवी पुस्तक ‘लम्हों की शबनम’ पाठकों के लिए सामने आ चुकी है। डॉ. मिश्रा अपनी कविताओं के ज़रिये सामाजिक मुद्दों से लेकर महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं।

‘लम्हों की शबनम’ भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा की कविताओं का संग्रह है। पुस्तक 'लम्हों की शबनम' डॉ. मिश्रा की व्यक्तिगत संवेदनाओं का दस्तावेज है। काम के दौरान लगातार व्यस्तताओं के बीच के अनुभवों को शब्दों में बांधने का काम कवयित्री मिश्रा ने किया है। 

लम्हों को महसूस कीजिए
अपनी इस पुस्तक के बारे में बात करते हुए  उन्होंने कहा कि ‘कुछ भी अचानक कहाँ होता है! यह रचनात्मक उद्वेलन लगातार मेरे भीतर चलता रहा है, उसी से उपजी हैं ये रचनाएँ। ‘लम्हों की शबनम’ मेरे अहसास को बटोरे हुए है। आप सबको समर्पित है। लम्हों को महसूस कीजिए और हम तक उसकी आहट ज़रूर पहुँचाइए’। 

अब तक पाँच पुस्तकें प्रकाशित
डॉ. मिश्रा की अब तक पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रखर प्रशासनिक अधिकारी के अलावा साहित्य जगत में अपनी अद्वितीय पहचान बनाने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा की पढ़ाई अर्थशास्त्र को लेकर हुई है। यह आश्चर्य की बात है कि एक अर्थशास्त्री मन कवि हृदय में परिवर्तित हो गया।

ऑनलाइन उपलब्ध है किताब
सेवा और साहित्य का यही संगम डॉ. सुमिता को विशिष्ट बनाती है। ‘लम्हों की शबनम’ इसलिए पढ़ा जाना चाहिए कि देश सेवा में तल्लीन अधिकारी के क्षणिक अवकाश में उपजी भावनाओं को समझा और जाना जाए, उनकी मानसिक उठापटक को समझा जाए, उनकी व्यस्तताओं के बीच उठे सवालों से रूबरू हुआ जाए। पुस्तक अब ऑनलाइन उपलब्ध है। इसे पब्लिश राइवर्स प्रेस ने किया है। 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!