IC-814: 'किसी व्यक्ति को देश की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं', केंद्र सरकार ने Netflix के कंटेट हेड को भेजा नोटिस

Edited By Yaspal,Updated: 02 Sep, 2024 08:37 PM

ic 814  central government sends notice to netflix s content head

सरकार ने वेबसीरीज ‘आईसी-814: द कंधार हाइजैक' में अपहर्ताओं के चित्रण को लेकर उठे विवाद के बाद ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स के कंटेंट प्रमुख को तलब किया है। सरकार ने कहा है कि किसी व्यक्ति को देश की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है

नई दिल्लीः सरकार ने वेबसीरीज ‘आईसी-814: द कंधार हाइजैक' में अपहर्ताओं के चित्रण को लेकर उठे विवाद के बाद ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स के कंटेंट प्रमुख को तलब किया है। सरकार ने कहा है कि किसी व्यक्ति को देश की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट प्रमुख को मंगलवार को बुलाया है और वेबसीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण देने को कहा है। एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘किसी को भी इस देश के लोगों की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए।''

सूत्र ने विस्तार से बताए बिना कहा, ‘‘क्या हमें किसी विदेशी व्यक्ति को हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से खिलवाड़ करने की अनुमति देनी चाहिए।'' सूत्रों ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को किसी चीज को गलत तरीके से चित्रित करने से पहले सोचना होगा। सूत्र ने कहा, ‘‘आप उदार हो सकते हैं, लेकिन आप संस्थानों को गलत तरीके से चित्रित नहीं कर सकते।'' काठमांडू से दिल्ली की उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइन के विमान के अपहर्ताओं के ‘मानवीय' चित्रण से विवाद खड़ा हो गया है और कई दर्शकों ने इस पर आपत्ति जताई है।

‘बॉयकॉट नेटफ्लिक्स', ‘बॉयकॉट बॉलीवुड' लिखते हुए, कई ‘एक्स' उपयोगकर्ताओं ने पोस्ट साझा करते हुए दावा किया कि फिल्म निर्माताओं ने एक निश्चित समुदाय से संबंधित आतंकवादियों को बचाने के लिए अपहरणकर्ताओं के नाम बदलकर ‘शंकर' और ‘भोला' कर दिए हैं। भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि आईसी-814 के अपहर्ता खूंखार आतंकवादी थे जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान बदलने के लिए दूसरे नाम रख रखे थे। मालवीय ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को तवज्जो देकर अपनी आपराधिक मंशा को वैधता प्रदान की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दशक बाद लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आईसी-814 का अपहरण किया था।''

मालवीय ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी आतंकवादियों, जो सभी मुसलमान थे, के अपराधों को छिपाने के वामपंथी एजेंडे ने काम किया। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका कम्युनिस्ट 70 के दशक से ही, शायद इससे पहले से ही आक्रामक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल दीर्घावधि में भारत की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होगी/सवाल में आएगी, बल्कि उन धार्मिक समूहों का दोष हट जाएगा, जो रक्तपात के लिए जिम्मेदार रहे हैं।'' जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह देखना वाकई मजेदार है कि जो लोग ‘कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों को सच मान लेते हैं, वे नेटफ्लिक्स के शो में आईसी814 की घटनाओं को दिखाए जाने से हताश हो जाते हैं। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘अब अचानक से वे चाहते हैं कि पटकथा में बारीकी और वास्तविकता हो।''

अब्दुल्ला ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘अब अचानक वे पटकथा में सटीकता और बारीकियां चाहते हैं।'' शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि आईसी-814 वेबसीरीज को लेकर ‘दक्षिणपंथी आक्रोश' उस समय की भाजपा सरकार की भारी विफलता की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि रिहा किए गए तीन खूंखार आतंकवादियों, मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक जरगर ने ‘जैश-ए-मोहम्मद' नामक आतंकवादी संगठन बनाया, जिसने 2001 में संसद पर हमला किया था। चतुवेर्दी ने याद दिलाया कि तीनों आतंकवादियों को भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तत्कालीन रक्षा मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा प्रदान की थी।

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