Edited By Rohini,Updated: 06 Jan, 2025 03:31 PM
इंडियन एयरलाइंस के प्रतिष्ठित पायलट और 1999 में हुए कंधार हाईजैक के दौरान एयरक्राफ्ट आईसी 814 के कैप्टन रहे देवी शरण ने अपनी अंतिम उड़ान भरने के साथ एयरलाइंस से विदाई ली। 65 साल की उम्र में उन्होंने ड्रीमलाइनर विमान से मेलबर्न से दिल्ली तक की अपनी...
नेशनल डेस्क। इंडियन एयरलाइंस के प्रतिष्ठित पायलट और 1999 में हुए कंधार हाईजैक के दौरान एयरक्राफ्ट आईसी 814 के कैप्टन रहे देवी शरण ने अपनी अंतिम उड़ान भरने के साथ एयरलाइंस से विदाई ली। 65 साल की उम्र में उन्होंने ड्रीमलाइनर विमान से मेलबर्न से दिल्ली तक की अपनी आखिरी फ्लाइट पूरी की।
40 वर्षों की शानदार सेवा
कैप्टन देवी शरण ने 1985 में इंडियन एयरलाइंस जॉइन की थी और करीब 40 वर्षों तक सेवाएं दीं। अपने करियर में उन्होंने कई मुश्किल हालातों का सामना किया और बेहतरीन अनुभव हासिल किए। एयर इंडिया के मेगा ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनने और करनाल में खेती करने का उनका प्लान है।
कंधार हाईजैक का अनुभव
1999 का कंधार हाईजैक कैप्टन शरण की जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को आतंकियों ने हाईजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया था। उस समय उन्होंने न केवल यात्री सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि साहस और संयम का परिचय भी दिया।
लीबिया में हुआ दूसरा खतरा
कंधार की घटना के 12 साल बाद 2011 में गृहयुद्ध झेल रहे लीबिया में भी कैप्टन शरण ने संकट का सामना किया। उस समय सड़कों पर हथियारों से लैस युवाओं ने उनका पीछा किया लेकिन वह और उनकी टीम सुरक्षित बच निकली।
फ्लाइंग करियर की शुरुआत और उपलब्धियां
1984 में करनाल से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद कैप्टन शरण ने इंडियन एयरलाइंस जॉइन की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बोइंग 737-200 से की। इसके बाद उन्होंने एयरबस ए320 और ए330 विमान भी उड़ाए। इंडियन एयरलाइंस के एयर इंडिया में मर्जर के बाद उन्होंने ड्रीमलाइनर बी787 पर भी उड़ानें भरीं।
अंतिम उड़ान पर स्पेशल फेयरवेल
अपनी आखिरी उड़ान के बाद फ्लाइट क्रू ने उन्हें स्पेशल फेयरवेल दिया। इस मौके पर भावुक होकर उन्होंने कहा, "आज भी मैं वही महसूस कर रहा हूं जो एयरलाइन जॉइन करने के समय एक युवा के तौर पर महसूस किया था।"
रिटायरमेंट के बाद के प्लान
रिटायरमेंट के बाद कैप्टन शरण करनाल में अपनी जमीन पर खेती करेंगे। साथ ही एयर इंडिया की मेगा ट्रेनिंग फेसिलिटी का भी हिस्सा बनने की योजना बना रहे हैं।
बता दें कि कैप्टन देवी शरण की कहानी न केवल साहस और नेतृत्व की मिसाल है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है।