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पंजाब के डेयरी और पशुपालन क्षेत्र में सहयोगी अवसरों की पहचान

Edited By Archna Sethi,Updated: 18 Feb, 2025 06:58 PM

identification of opportunities in punjab s dairy and animal husbandry sector

पंजाब के डेयरी और पशुपालन क्षेत्र में सहयोगी अवसरों की पहचान


चंडीगढ़, 18 फरवरी:(अर्चना सेठी) न्यूजीलैंड के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज पंजाब के पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव  राहुल भंडारी से मुलाकात की, जिसके दौरान पशुपालन क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा की गई और पशु प्रजनन और डेयरी प्रणाली में लगे छोटे किसानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में एम.पी.आई. से प्रोफेसर गैरी उडी, मैसी विश्वविद्यालय से प्रो. निकोलस लोपेज़ और टी.आर.जी./ए.बी.एस. से डॉ. डेविड हेमें, एन.डी.डी.बी. से डॉ. आर.ओ. गुप्ता शामिल थे।

 राहुल भंडारी ने प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय डेयरी योजना-1 के तहत चल रही पहलों के बारे में जानकारी दी, जो जुलाई 2013 में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पशुओं और मवेशियों की आबादी में आनुवंशिक क्षमता को बेहतर बनाने पर केंद्रित है, जो वंश परीक्षण, आनुवंशिक मूल्यांकन और चयनित प्रजनन के माध्यम से किया जा रहा है।

परियोजना के मुख्य उद्देश्यों में वीर्य स्टेशन के लिए उच्च आनुवंशिक क्षमता (एच.जी.एम.) वाले बैल पैदा करने की प्रक्रिया, युवा बैल, बूल डेम्स और बूल सायरों के आनुवंशिक मूल्यांकन के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करना और पशुओं तथा मवेशियों की आबादी में दूध, वसा, सी.एन.एफ. और प्रोटीन उत्पादन में स्थिर आनुवंशिक प्रगति प्राप्त करना शामिल है।

 भंडारी ने कहा कि इस समय यह परियोजना पंजाब के तीन जिलों पटियाला, संगरूर और बरनाला सहित 160 संस्थाओं में लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं, जिनमें 4,50,000 से अधिक कृत्रिम गर्भाधान (ए.आई.), 50,000 मादा बकरियों की पंजीकरण, 2,20,000 पशुओं के शारीरिक माप, 6,000 बकरियों की दूध रिकॉर्डिंग और उनके नस्लों का वर्गीकरण और 650 एच.जी.एम. नर बकरियों की खरीद शामिल है।

उन्होंने सूबे में दूध उत्पादन और उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले संतान की खरीद की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने प्रबंधन अभ्यासों पर विस्तृत विचार-विमर्श में भी भाग लिया और स्थानीय किसानों से बातचीत करने और मुराह प्रजनन परीक्षण (पी.टी.) परियोजना की सफलता को देखने के लिए पटियाला जिले के परियोजना गांवों, जिनमें चासवाल, साहोली और लोट शामिल हैं, का दौरा किया। पंजाब के पशुपालन निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी के साथ न्यूजीलैंड की टीम ने प्रदेश में परियोजना के कामकाज और प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

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