Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Jan, 2025 07:46 PM
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से 14 जनवरी को 30 करोड़ रुपए की अष्टधातु की मूर्ति चोरी होने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। जांच के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मूर्ति चोरी में मंदिर के पुजारी वंशीदास और समाजवादी...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से 14 जनवरी को 30 करोड़ रुपए की अष्टधातु की मूर्ति चोरी होने का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। जांच के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मूर्ति चोरी में मंदिर के पुजारी वंशीदास और समाजवादी पार्टी का एक नेता शामिल था। पुलिस ने पुजारी वंशीदास, सपा नेता राम बहादुर पाल और उनके तीन साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मंदिर के पुजारी वंशीदास ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मूर्ति चोरी की थी। पुजारी ने बताया कि मंदिर के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था, और वह अपना अलग मठ बनाना चाहता था। इसके लिए उसने मूर्ति चोरी करने का प्लान तैयार किया।
पुजारी ने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय सचिव राम बहादुर पाल को बुलाकर मूर्ति दिखाई, और जब उसे अष्टधातु का बताया गया, तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्ति चुराई और उसे छिपा दिया। मूर्ति को चोरी करने के बाद आरोपियों ने इसे हैमाई पहाड़ी मंदिर में छिपा दिया था, लेकिन जब वे उसे लेने गए, तब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मूर्ति की कीमत 30 करोड़ रुपए
अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि चोरी की गई मूर्ति की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए थी। आरोपियों ने सबसे पहले मूर्तियों की जांच करवाने के लिए सुनार को बुलाया, और जब मूर्तियां बेशकीमती पाई गईं, तो उन्होंने उसे चोरी करवाया।