'अटल जी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता तो...', पूर्व पीएम की 100वीं जयंती पर बोले चंपई सोरेन

Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Dec, 2024 08:27 PM

if atal ji had not made jharkhand separate state champai soren

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा कि अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता तो प्रदेश के लोगों को कई वर्षों तक इंतजार और संघर्ष करना पड़ता तथा...

नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा कि अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता तो प्रदेश के लोगों को कई वर्षों तक इंतजार और संघर्ष करना पड़ता तथा शायद अधिक बलिदान भी देना पड़ता। वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वाजपेयी ने तत्कालीन अविभाजित बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार के कड़े विरोध के बावजूद अलग झारखंड बनाने का अपना वादा पूरा किया था।

सोरेन ने कहा, “सन 1999 में अटल जी चुनावी सभा को संबोधित करने दुमका आए थे। उसमें अटल जी ने कहा था- आप मेरी सरकार बनवाएं, मैं आपको अलग राज्य का तोहफा दूंगा। भाजपा की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पृथक झारखंड राज्य की घोषणा करके झारखंड की जनता के कई दशक पुराने आंदोलन को सम्मान दिया।” उन्होंने कहा, “अगर अटल जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार झारखंड नहीं बनाती तो शायद हमें इस राज्य के लिए कई वर्षों या फिर दशकों का इंतजार तथा संघर्ष करना पड़ता। शायद उस बीच कितने लोगों को बलिदान भी देना पड़ता।”

भाजपा नेता ने कहा कि वाजपेयी का झारखंड और विशेषकर जमशेदपुर से गहरा नाता था और वह कई बार झारखंड आए और उनकी सभाओं में बहुत भीड़ उमड़ती थी। सोरेन ने कहा कि वाजपेयी ने इस राज्य में कई योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा कि 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी तब भारत में पहली बार जनजातीय मंत्रालय का गठन किया गया था तथा इससे देश में आदिवासियों का विकास तीव्र गति से होने लगा। सोरेन ने कहा कि कई दशकों तक संथाल आदिवासी समाज के लोग संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए प्रयास कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों द्वारा मांग खारिज करते रहने के बावजूद वाजपेयी नीत सरकार ने 2003 में संथाली भाषा (ओल चिकी लिपि) को संविधान में स्थान दिलाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “झारखंड के विकास के लिए उनका साफ विजन था खासकर आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए। उन्होंने उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं। लेकिन आज यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है। नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं। आदिवासियों की संख्या घट रही है। घुसपैठिये हमारी भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। अटल जी जहां भी होंगे, यह देख कर दुखी होंगे।” उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अटल जी के सपनों को पूरा कर रही है। 

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