भाजपा यदि आक्रामक तरीके से प्रचार करे, तो वह अल्पसंख्यक बहुल सीट जीत सकती है: हिमंत विश्व शर्मा

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Nov, 2024 09:22 PM

if bjp campaigns aggressively win minority dominated seats himanta sarma

पिछले लोकसभा चुनाव में असम में लाभार्थी योजनाओं के चलते हर अल्पसंख्यक बहुल सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 30-40 हजार मत मिलने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल यदि इन स्थानों पर आक्रामक ढ़ंग...

नेशनल डेस्क: पिछले लोकसभा चुनाव में असम में लाभार्थी योजनाओं के चलते हर अल्पसंख्यक बहुल सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 30-40 हजार मत मिलने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सत्तारूढ़ दल यदि इन स्थानों पर आक्रामक ढ़ंग से अभियान चलाये तो वह कई और निर्वाचन क्षेत्र जीत पायेगा।

हम कई निर्वाचन क्षेत्र जीत जायेंगे- शर्मा
शर्मा ने यहां एक पुल निर्माण स्थल का दौरा करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सीट नहीं जीत सकी, क्योंकि उसने ‘आक्रामक तरीके से' वोट नहीं मांगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने धुआंधार तरीके से उनसे संपर्क नहीं किया, इसलिए हमें वोट नहीं मिले। यदि हम (अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में) आक्रामक/धुआंधार तरीके से वोट मांगने का फैसला करें तो मुझे विश्वास है कि हम कई निर्वाचन क्षेत्र जीत जायेंगे।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल के प्रारंभ में हुए लोकसभा चुनाव के विश्लेषण से सामने आया कि भाजपा को हर अल्पसंख्यक बहुल निर्वाचन क्षेत्र में 30-40 हजार वोट मिले।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां शत-प्रतिशत अल्पसंख्यक मत हैं, वहां भी हमें करीब-करीब उतने ही मत मिले, जो पहले हमें नहीं मिलते थे।'' शर्मा ने इतनी अधिक संख्या में (अल्पसंख्यक) मत मिलने का श्रेय ‘अरुणोदोई' और ‘निजुत मोइना' जैसी लाभार्थी योजनाओं को दिया। ‘अरुणोदोई' गरीब परिवार की महिलाओं को सशक्त बनाने वाली नकद अंतरण योजना है, जबकि ‘निजुत मोइना' में छात्राओं को वित्तीय मदद दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब हम हर महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को 10,000 रुपये देंगे।

राजग सरकार तुष्टीकरण नहीं करेगी
एसएचजी से करीब 30 लाख महिलाएं जुड़ी हैं, जिनमें सात लाख अल्पसंख्यक महिलाएं हैं। असम सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भी लाभ मिल रहा है।'' उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि लेकिन असम में भाजपा या भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार तुष्टीकरण नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए लोगों को वीजीआर (ग्राम चरागाह आरक्षित क्षेत्र), पीजीआर (पेशेवर चरागाह आरक्षित क्षेत्र) से भी बेदखल किया जा रहा है। (गुवाहाटी में) सिलसाको से असमिया लोगों को बेदखल किया गया, क्योंकि हम एक समान नीति का पालन कर रहे हैं। हमने अतिक्रमण हटाने के लिए काजीरंगा से भी लोगों को हटाया है।''

हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अस्पताल बनाने, एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करने और लाभ अंतरण योजनाओं को सभी लोगों के लिए समान रूप से लागू करने जैसे विकास कार्य जारी रखेगी। हाल के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने मुस्लिम बहुल सामागुरी सीट कांग्रेस से छीन ली। पांच बार से कांग्रेस इस सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रही थी।

मुख्यमंत्री ने किस रुख में लाई नरमी 
मुख्यमंत्री ने पहले बार-बार कहा था कि भाजपा को अगले 10 वर्षों तक चार क्षेत्रों (नदी तटीय वनस्पति द्वीप) के ‘मियां' लोगों के वोटों की तबतक आवश्यकता नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह जैसी पुरानी प्रथाओं को त्यागकर खुद में सुधार नहीं लाते। बाद में उन्होंने अपने रुख में नरमी लायी और मार्च में विश्वास व्यक्त किया कि ‘मियां' समुदाय की लड़कियां, महिलाएं एवं युवा अल्पसंख्यक समुदाय के कमजोर तबकों के उत्थान के लिए किये गये अच्छे कामों के चलते भाजपा को वोट देंगे।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!