Edited By Utsav Singh,Updated: 19 Oct, 2024 01:20 PM
दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आए है। आज उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी रिहाई को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए है। जैन ने कहा कि 'अगर...
नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने अपने रिहाई के बाद एक बयान दिया जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए। सत्येंद्र जैन ने कहा, “अगर लोकतंत्र नहीं होता, तो केंद्र सरकार मुझे फांसी पर लटका चुकी होती।” उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधियों के चलते भारी दबाव का सामना करना पड़ा।
जेल में अनुभव
जैन ने अपनी जेल में बिताए दिनों के बारे में कहा कि वह लगभग मर ही गए थे। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ केस चलने का समय अब सात साल से अधिक हो गया है और अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल उन्हें, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना था।
एकांत कारावास का दर्द
सत्येंद्र जैन ने कहा कि उन्हें महीनों तक एकांत में रखा गया और जेल में उनकी तबीयत काफी खराब हो गई। उनका वजन 40 किलो कम हो गया, लेकिन इस बारे में किसी को नहीं बताया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति के बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं।
ब्रिटिश शासन की वापसी
सत्येंद्र जैन ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके साथ अत्याचार हुआ है। उन्होंने इस स्थिति को ब्रिटिश शासन की वापसी से तुलना की। जैन का आरोप है कि बीजेपी काम करने की बजाय लोगों को उनके कार्यों से रोकने में ज्यादा रुचि रखती है।
परिवर्तन के लिए संघर्ष
सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि मोहल्ला क्लिनिक और अस्पतालों के निर्माण में प्रगति हो रही थी, और उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि सरकार अरविंद केजरीवाल द्वारा किए जा रहे सुधारों को रोकना चाहती थी। उन्होंने अंत में कहा कि यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक दलों को एक साथ मिलकर देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए। सत्येंद्र जैन को हाल ही में दिल्ली की एक कोर्ट से जमानत मिली है, जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया।