Edited By Parveen Kumar,Updated: 12 Feb, 2025 06:59 PM
![if us aid stops hiv infection could increase six times by 2029](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_18_53_4594887132-ll.jpg)
एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है, और इसके इलाज को लेकर डॉक्टर और वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे हैं।
नेशनल डेस्क : एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है, और इसके इलाज को लेकर डॉक्टर और वैज्ञानिक लंबे समय से काम कर रहे हैं। अब तक दुनियाभर में इस वायरस को लेकर चिंता बनी हुई है।
इस बीच, 10 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी (UNAIDS) की प्रमुख ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका अपनी मदद बंद कर देता है और उसकी जगह कोई व्यवस्था नहीं की जाती, तो 2029 तक HIV संक्रमण 6 गुना तक बढ़ सकता है, जिससे लाखों जानें जा सकती हैं और एड्स के अधिक खतरनाक रूप विकसित हो सकते हैं।
HIV के मरीजों की संख्या
यूएन एड्स की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर विन्नी ब्यान्यमा ने एक इंटरव्यू में बताया कि पिछले कुछ सालों में HIV संक्रमण में कमी आई है। 2023 में केवल 13 लाख नए मामले सामने आए, जो 1995 के मुकाबले 60% कम हैं। लेकिन हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका 90 दिनों तक अपनी विदेशी मदद रोक देगा। अगर यह हुआ, तो HIV और एड्स से लड़ने की कोशिशों को बहुत बड़ा झटका लग सकता है।
अमेरिका की मदद न मिलने पर क्या होगा
ब्यान्यमा ने कहा कि अगर अमेरिका की मदद बंद हो जाती है, तो 2029 तक HIV के 87 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। इससे 63 लाख लोगों की जान भी जा सकती है, और 34 लाख बच्चे अनाथ हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिकी सरकार अपना फैसला नहीं बदलती है तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है, जिससे बीमारियां बढ़ेंगी और मौतों की संख्या भी बढ़ सकती है।
UNAIDS की अपील
यूएन एड्स की प्रमुख ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से अपील की है कि वह अचानक फंडिंग बंद न करें, क्योंकि इससे कई अफ्रीकी देशों में चिंता और डर का माहौल बन सकता है। इस वजह से केन्या में 550 HIV वर्कर्स को नौकरी से निकाल दिया गया है और इथियोपिया में हजारों लोगों को काम पर न आने को कहा गया है। इससे स्वास्थ्य अधिकारियों को महामारी की निगरानी करने में कठिनाई हो रही है। गौरतलब है कि HIV की रोकथाम के लिए जो अभियान चलाए जा रहे हैं, उनका लगभग 90% हिस्सा अमेरिका से आता है।