mahakumb

Attention! अगर आप भी अक्सर मीठा खाने के हैं शौकीन तो न करें इसे नजरअंदाज, नई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 13 Feb, 2025 10:18 AM

if you are also fond of eating sweets then do not ignore it

अगर आपको बार-बार मीठा खाने की तलब लगती है तो इसे केवल एक खाने की आदत समझकर नजरअंदाज न करें। हाल ही में एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि मीठा खाने की आदत मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हो सकती है। इस अध्ययन के मुताबिक ज्यादा मीठा खाने की चाहत डिप्रेशन...

नेशनल डेस्क। अगर आपको बार-बार मीठा खाने की तलब लगती है तो इसे केवल एक खाने की आदत समझकर नजरअंदाज न करें। हाल ही में एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि मीठा खाने की आदत मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हो सकती है। इस अध्ययन के मुताबिक ज्यादा मीठा खाने की चाहत डिप्रेशन और एंग्जायटी से संबंधित हो सकती है।

क्या कहती है रिसर्च?

जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन (UKB), यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ट्यूबिंगन के शोधकर्ताओं ने पाया कि डिप्रेशन के मरीजों में भूख कम लगती है लेकिन वे मीठे पदार्थों, खासकर कार्बोहाइड्रेट्स की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं। अब तक यह माना जाता था कि ज्यादा मीठा खाने की तलब भूख के कारण होती है लेकिन इस नए अध्ययन ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया। शोधकर्ताओं के अनुसार मीठे खाद्य पदार्थों की तलब का संबंध डिप्रेशन और एंग्जायटी से है न कि सिर्फ भूख से।

PunjabKesari

 

 

डिप्रेशन और खाने की आदतों के बीच कनेक्शन

शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं वे अपने मूड को बेहतर करने के लिए मीठा खाते हैं। डिप्रेशन में अक्सर लोग या तो कम खाते हैं या ज्यादा। इस दौरान कार्बोहाइड्रेट और मीठे खाद्य पदार्थ मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. तेजस लिमये के अनुसार डिप्रेशन से जूझ रहे लोग खाने को एक इमोशनल सहारा मानते हैं लेकिन यह आदत खतरनाक हो सकती है। वे सुझाव देते हैं कि ऐसे लोग प्राकृतिक मिठास जैसे फल और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें न कि प्रोसेस्ड शुगर।

 

यह भी पढ़ें: Guillain-Barre Syndrome: मुंबई में GBS का कहर, अस्पताल में भर्ती 53 वर्षीय मरीज ने तोड़ा दम

 

कैसे बढ़ाते हैं कार्ब्स डिप्रेशन के लक्षण?

मीठे खाद्य पदार्थों में शुगर मस्तिष्क के रिवॉर्ड सिस्टम को सक्रिय कर देती है जिससे कुछ समय के लिए अच्छा महसूस होता है लेकिन अगर ज्यादा मीठा खाया जाए तो ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मीठे खाद्य पदार्थ से शरीर में ट्रिप्टोफैन का स्तर बढ़ता है जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हार्मोन को रिलीज करता है। ये हार्मोन मूड और नींद को नियंत्रित करते हैं।

डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को क्या खाना चाहिए?

डिप्रेशन से प्रभावित लोगों के लिए विशेषज्ञ कुछ खास आहार की सलाह देते हैं:

➤ प्रोटीन से भरपूर आहार – जैसे अंडे, मांस, टोफू, डेयरी प्रोडक्ट्स
➤ प्रोबायोटिक्स – दही और फर्मेंटेड फूड्स, जो गट हेल्थ को सुधारते हैं

 

PunjabKesari


➤ नेचुरल स्वीट फूड्स – फल, गुड़, और ड्राई फ्रूट्स
➤ बैलेंस डाइट – सब्जियां, होल ग्रेन्स और हेल्दी फैट्स

इसलिए अगर आप बार-बार मीठा खाने की तलब महसूस करते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके असर को समझें। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर की सलाह लेकर सही आहार और जीवनशैली अपनाएं।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!