Edited By Utsav Singh,Updated: 16 Nov, 2024 09:22 PM
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी और मंगलवार को छुट्टी के मुद्दे पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि अगर उनके लिए (मुस्लिम समुदाय) के लिए...
नेशनल डेस्क : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी और मंगलवार को छुट्टी के मुद्दे पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि अगर उनके लिए (मुस्लिम समुदाय) के लिए शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी दी जा सकती है तो हिन्दू समुदाय के लिए मंगलवार को छुट्टी क्यों नहीं हो सकती?
स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी पर विवाद
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “स्कूल कब बंद होते हैं, रविवार को या शुक्रवार को? मैं हेमंत सोरेन से पूछना चाहता हूं कि अगर आप मुस्लिम समुदाय के लिए शुक्रवार को छुट्टी दे सकते हैं तो हमारे बच्चों के लिए भी मंगलवार को स्कूल बंद क्यों नहीं कर सकते?” उन्होंने इस बयान को झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिया।
संविधान और सांप्रदायिकता पर CM सरमा का बयान
हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा, "हम हिन्दू साम्प्रदायिक नहीं हैं। जब संविधान बन रहा था, तो संविधान सभा में सभी लोग हिन्दू थे। हम चाहते तो कह सकते थे कि देश में छुट्टी मंगलवार को होनी चाहिए, लेकिन हमनें वृहद दृष्टिकोण दिखाया और रविवार को स्कूल बंद रखने का फैसला लिया। अब अगर झारखंड में शुक्रवार को छुट्टी हो सकती है, तो हम भी मंगलवार को छुट्टी की मांग कर सकते हैं।"
CM सरमा ने 'एक्स' पर किया ट्वीट
अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर उन्होंने लिखा, "मैं झामुमो और कांग्रेस सरकार से पूछना चाहता हूं - अगर नमाज पढ़ने के लिए छुट्टियां मिल सकती हैं, तो हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए छुट्टी क्यों नहीं मिलती?" इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक और सांप्रदायिक मुद्दे को उठाया और अपने बयान को मजबूती दी।
JMM-Cong सरकार से पूछना चाहता हूँ - अगर नमाज़ पढ़ने के लिए छुट्टियां मिल सकती हैं, तो हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए छुट्टी क्यों नहीं मिलती?@BJP4Jharkhand pic.twitter.com/GHEPQewNkv
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 15, 2024
झारखंड और बिहार में शुक्रवार की छुट्टी पर विवाद
यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले भी झारखंड और बिहार में शुक्रवार को स्कूलों की छुट्टी को लेकर विवाद उठ चुका है। पिछली बार झारखंड के जामताड़ा और दुमका जिलों के 33 स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी का मामला सामने आया था। इसके बाद, बिहार के किशनगंज में भी 37 स्कूलों में यही स्थिति देखी गई थी।
बिहार शिक्षा मंत्री ने की थी जांच की घोषणा
जैसे ही ये मामले तूल पकड़ने लगे, बिहार शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी और इस मुद्दे की जांच शुरू की थी।
क्या है असम CM का उद्देश्य?
हिमंत बिस्वा सरमा का बयान न केवल शुक्रवार की छुट्टी के मुद्दे पर सवाल उठाता है, बल्कि यह सांप्रदायिक मुद्दों को भी छेड़ता है। उन्होंने हनुमान चालीसा और नमाज पढ़ने के संदर्भ में अपनी बात रखी और सरकारों से यह सवाल पूछा कि क्या एक समुदाय को विशेष अधिकार मिल सकते हैं, जबकि दूसरे समुदाय के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है।
असम सीएम का बयान इस बात को और बढ़ा देता है कि देश में धर्म और छुट्टियों के मुद्दे पर बहस और विवाद बढ़ रहे हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण, सांप्रदायिकता, और शैक्षिक अधिकारों को लेकर यह मुद्दा राजनीति में तूल पकड़ सकता है।