Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Feb, 2025 04:24 PM
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ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक डेनमार्क में किए गए एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि गर्भनिरोधक गोलियां खाने से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव आते हैं जो दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकते हैं। यह शोध 10 साल से ज्यादा समय तक...
नेशनल डेस्क। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक डेनमार्क में किए गए एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि गर्भनिरोधक गोलियां खाने से महिलाओं में हार्मोनल बदलाव आते हैं जो दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकते हैं। यह शोध 10 साल से ज्यादा समय तक चला और इसमें 20 लाख से ज्यादा महिलाओं को शामिल किया गया था।
गर्भनिरोधक गोलियों से खतरा
गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं के लिए एक प्रमुख जन्म नियंत्रण विधि हैं जिनका उपयोग लाखों महिलाएं करती हैं। यह गोलियां शरीर में हार्मोनल बदलाव करती हैं जो ओव्यूलेशन को रोकने और गर्भावस्था को रोकने के लिए काम करती हैं लेकिन अब नए शोध में यह सामने आया है कि इन गोलियों के सेवन से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं सामान्यतः गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं उनके लिए इस्केमिक स्ट्रोक (एक प्रकार का मस्तिष्काघात) और दिल के दौरे का खतरा दोगुना हो सकता है। यह रिसर्च कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था जो इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इन गोलियों के सेवन से जोखिम बढ़ जाता है खासकर लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर।
रिसर्च के परिणाम
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि 4,760 महिलाओं में से एक के लिए प्रत्येक वर्ष संयुक्त गर्भनिरोधक गोली के उपयोग से एक अतिरिक्त स्ट्रोक हो सकता है। इसी तरह हर 10,000 महिलाओं के लिए एक अतिरिक्त दिल का दौरा हो सकता है। हालांकि यह जोखिम कम होता है लेकिन इस अध्ययन के परिणामों से यह भी स्पष्ट हुआ कि चिकित्सकों को गर्भनिरोधक गोलियां लिखने से पहले इन जोखिमों पर विचार करना चाहिए।
इसके अलावा शोध में यह भी सामने आया कि योनि रिंग और पैच जैसे गैर-मौखिक गर्भनिरोधक विधियों का उपयोग करने से भी हृदय संबंधी जोखिम बढ़ सकते हैं। विशेषकर योनि रिंग ने इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम को 2.4 गुना और दिल के दौरे के जोखिम को 3.8 गुना तक बढ़ा दिया। वहीं पैच के उपयोग से इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा 3.4 गुना बढ़ गया।
यह शोध दर्शाता है कि हार्मोनल गर्भनिरोधकों के लंबे समय तक इस्तेमाल से महिलाओं में दिल और मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि यह खतरा सभी महिलाओं के लिए समान नहीं होता फिर भी चिकित्सकों को इसे निर्धारित करने से पहले महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।
यह शोध उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है जो गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं और यह भी दर्शाता है कि गर्भनिरोधक के विकल्पों पर विचार करते वक्त उनकी सेहत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।