Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Feb, 2025 11:37 AM
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक रोचक बयान दिया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान, भारत से तरक्की के मामले में आगे नहीं निकलता तो "मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं होगा।" यह बयान...
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक रोचक बयान दिया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान, भारत से तरक्की के मामले में आगे नहीं निकलता तो "मेरा नाम शहबाज शरीफ नहीं होगा।" यह बयान पाकिस्तान के विकास और समृद्धि के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी साबित करता है कि पाकिस्तान के नेता भारत के साथ हमेशा तुलना करते रहते हैं। शहबाज शरीफ का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना और लोगों ने इसके लिए मजेदार प्रतिक्रियाएँ भी दीं।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ वर्षों से खस्ताहाल है। IMF (इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड) से बेलआउट पैकेज मिलने के बावजूद पाकिस्तान का वित्तीय संकट खत्म नहीं हो पा रहा। पाकिस्तान की जीडीपी का लगभग 74.3 प्रतिशत हिस्सा कर्ज पर निर्भर है, जिसमें घरेलू और बाहरी दोनों प्रकार के ऋण शामिल हैं। देश की अर्थव्यवस्था इस समय कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। पेट्रोल की कीमतें 250 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हैं और बिजली की दरें भी 40 रुपये प्रति यूनिट से अधिक हो चुकी हैं। ऐसे में पाकिस्तान के नागरिकों को महंगाई के चलते कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
शहबाज शरीफ का आत्मविश्वास
शहबाज शरीफ ने अपनी चुनौती में कहा कि पाकिस्तान के विकास के रास्ते में कोई भी रुकावट नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करेगा और कर्ज पर निर्भर रहने की बजाय एक सशक्त और समृद्ध अर्थव्यवस्था बनाएगा। उनका कहना था कि पाकिस्तान का भविष्य महानता की ओर बढ़ेगा और वे देश को उस स्तर पर ले जाएंगे, जहां पाकिस्तान और भारत की तुलना करना उचित होगा।
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने मुद्रास्फीति पर काबू पाया है। जब उनकी सरकार ने काम शुरू किया था, तब मुद्रास्फीति दर 40 प्रतिशत थी, लेकिन अब यह घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है। यह उनकी सरकार की कड़ी मेहनत का परिणाम है, जिससे उन्होंने देश के आर्थिक संकट को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
सोशल मीडिया पर बवाल
शहबाज शरीफ का यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर वायरल हो गया। कई यूजर्स ने शहबाज शरीफ को नये नाम सुझाए, जो उनकी इस बयानबाजी को मजाकिया तरीके से पेश करते हैं। कुछ लोगों ने उन्हें "शहबाज चीनफ" (जो चीन के साथ पाकिस्तान के अच्छे संबंधों को दर्शाता है) जैसे नाम सुझाए, जबकि कुछ ने उन्हें "शहबाज क्रेडिट कार्ड" नाम देने की बात कही, क्योंकि पाकिस्तान हमेशा कर्ज पर निर्भर रहता है। साथ ही, कई लोगों ने इस बयान को चुनौतीपूर्ण करार दिया और कहा कि पाकिस्तान को अपनी असल परेशानियों को समझकर देश की अंदरूनी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत से प्रतिस्पर्धा करने की बातें करें।
भारत के साथ रिश्तों का संकेत
इस बयान से पहले, शहबाज शरीफ ने भारत के साथ शांतिपूर्ण बातचीत की इच्छा भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ विवादों को बातचीत के जरिए हल करना चाहता है, जिसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है। यह बयान खास महत्व रखता है क्योंकि दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर लंबे समय से तनाव बना हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान "कश्मीर एकजुटता दिवस" के मौके पर की थी।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और चुनौती
पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अपने कर्ज पर निर्भरता को कम करे और आत्मनिर्भर बने। पाकिस्तान को अपनी औद्योगिक और कृषि क्षमता को बढ़ाकर और विदेशी निवेश को आकर्षित कर इस संकट से बाहर निकलने की दिशा में कदम उठाने होंगे।