रजाई या कंबल में मुंह ढक कर सोते हैं तो हो जाइए सावधान, जानें इसके खतरे

Edited By Pardeep,Updated: 28 Nov, 2024 11:22 PM

if you sleep with your face covered in a quilt or blanket be careful

सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाओं से बचने के लिए लोग रजाई या कंबल का सहारा लेते हैं। कई लोग तो सिर से लेकर पैर तक खुद को पूरी तरह से ढक लेते हैं, खासकर वे जिन्हें ठंडी हवा बिल्कुल पसंद नहीं होती। लेकिन, यह आदत आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।

नेशनल डेस्कः सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाओं से बचने के लिए लोग रजाई या कंबल का सहारा लेते हैं। कई लोग तो सिर से लेकर पैर तक खुद को पूरी तरह से ढक लेते हैं, खासकर वे जिन्हें ठंडी हवा बिल्कुल पसंद नहीं होती। लेकिन, यह आदत आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। अगर आप भी सोते समय रजाई या कंबल से मुंह ढकने के आदी हैं, तो तुरंत इस आदत को बदल लें।

विशेषज्ञों के अनुसार, रजाई या कंबल से मुंह ढककर सोने से ऑक्सीजन की कमी, फेफड़ों पर प्रभाव, स्किन एलर्जी और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं इसके नुकसान-

1. त्वचा पर एलर्जी और रैशेज का खतरा 
रजाई या कंबल के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है, जिससे ताजी हवा अंदर नहीं पहुंच पाती। बार-बार इस्तेमाल करने से रजाई-कंबल गंदे हो जाते हैं और इनसे निकलने वाले कण त्वचा पर एलर्जी या रैशेज का कारण बन सकते हैं।
 

  • ऑक्सीजन की कमी: त्वचा तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचने से झुर्रियां, पिंपल्स या एक्ने की समस्या बढ़ सकती है। 
  • ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित: लंबे समय तक मुंह ढकने से रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता, जो त्वचा की सेहत पर नकारात्मक असर डालता है। 


2. फेफड़ों को पहुंच सकता है नुकसान 
मुंह ढककर सोने से फेफड़ों में ताजी हवा नहीं पहुंच पाती और अशुद्ध हवा बार-बार अंदर जाती है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है: 

  • अस्थमा और सांस की समस्याएं: फेफड़ों में सिकुड़न और वायु का आदान-प्रदान बाधित होता है, जिससे अस्थमा या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • सिरदर्द और डिमेंशिया का खतरा: बार-बार अशुद्ध हवा लेने से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है, जिससे सिरदर्द और डिमेंशिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 


3. हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है 
रजाई या कंबल से मुंह ढककर सोने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

  • ऑक्सीजन की कमी: चारों ओर से ढकने के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। 
  • दम घुटने का खतरा: ऐसी स्थिति में दम घुटने से हार्ट अटैक या बेहोशी की समस्या हो सकती है। 


4. ब्लड सर्कुलेशन पर प्रभाव 
मुंह ढककर सोने से ऑक्सीजन की कमी शरीर के हर हिस्से में रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकती है।

  • शरीर की ऑक्सीजन खपत: रजाई के अंदर सीमित ऑक्सीजन बार-बार इस्तेमाल होती है, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है।
  • अंगों पर असर: शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रॉपर ब्लड सर्कुलेशन नहीं मिलता, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।


5. वजन बढ़ने का खतरा
मुंह ढककर सोने से शरीर को अधिक गर्माहट मिलती है, जिससे नींद ज्यादा गहरी हो जाती है और सुबह जल्दी उठना मुश्किल हो जाता है। 

  • मेटाबॉलिज्म पर असर: देर तक सोने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। 
  • आलस्य: ज्यादा गर्माहट के कारण व्यक्ति सक्रिय नहीं रह पाता, जिससे शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं।


कैसे बचें इन समस्याओं से? 

  • मुंह ढककर न सोएं: ठंड से बचने के लिए खुद को कंबल या रजाई में पूरी तरह पैक करने की बजाय, अपने चेहरे को खुला रखें।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें: रजाई और कंबल को नियमित रूप से धुलें ताकि वे साफ और बैक्टीरिया मुक्त रहें।
  • वेंटिलेशन का ख्याल रखें: कमरे में ताजी हवा आने दें, ताकि ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहे।
  • हल्के गर्म कपड़े पहनें: बहुत ज्यादा गर्माहट के लिए मोटी रजाई की बजाय थर्मल या वूलन कपड़ों का इस्तेमाल करें।

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