Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Nov, 2024 10:15 AM
20 नवंबर को गोवा के श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) की शुरुआत हुई। वंदे मातरम और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ इस महोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ। इस भव्य आयोजन में भगवान...
नॅशनल डेस्क। 20 नवंबर को गोवा के श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) की शुरुआत हुई। वंदे मातरम और जय श्रीराम के उद्घोष के साथ इस महोत्सव का भव्य उद्घाटन हुआ। इस भव्य आयोजन में भगवान कृष्ण, शिव और गणपति की आराधना पर प्रस्तुतियां दी गईं। संस्कृत श्लोकों और पारंपरिक नृत्यों ने भारतीय संस्कृति की एकता और विविधता को बखूबी दर्शाया। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने नारियल के पौधे को पानी देकर समारोह का औपचारिक उद्घाटन किया।
भारतीय सिनेमा के दिग्गजों पर विशेष डाक टिकट जारी
इस वर्ष के IFFI में भारतीय सिनेमा के चार दिग्गजों को सम्मानित किया गया। राज कपूर, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव (ANR) और महान गायक मोहम्मद रफी के सम्मान में विशेष डाक टिकट जारी किए गए। इस अवसर पर अभिनेता नागार्जुन और मोहम्मद रफी की पुत्रवधू फिरदौस रफी ने भी हिस्सा लिया।
मुख्य आकर्षण: वंदे मातरम और जय श्रीराम का उद्घोष
जब फौजी 2 और रामायण 2 के कलाकार मंच पर आए, तो दर्शकों ने जोरदार तरीके से वंदे मातरम और जय श्रीराम का उद्घोष किया। इसी बीच, दूरदर्शन पर "फौजी 2" का प्रसारण शुरू होने की घोषणा भी की गई।
IFFI और गोवा: एक-दूसरे के पर्याय
मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, "पिछले 20 वर्षों में गोवा और IFFI एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं।" उन्होंने इस अवसर पर प्रसार भारती के नए ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘WAVES’ का भी शुभारंभ किया।
सिनेमा को बढ़ावा देने पर जोर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो संदेश में कहा कि IFFI, भारतीय फिल्म उद्योग के विकास में मील का पत्थर है। यह महोत्सव भारत की समृद्ध संस्कृति, खान-पान और विविधता को दर्शाने वाले नए कंटेंट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने फिल्मों की पायरेसी पर अंकुश लगाने और सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता फिलिप नॉयस को प्रदान करने की घोषणा की।
शेखर कपूर का संदेश: कहानियां जोड़ेंगी दिलों को
महोत्सव निदेशक शेखर कपूर ने कहा, "हम एक ध्रुवीकृत दुनिया में रह रहे हैं। हमें एक-दूसरे से अपनी कहानियां साझा करनी चाहिए, ताकि हम करीब आ सकें। भारत सिनेमा का सबसे बड़ा निर्माता और उपभोक्ता है।"
भारतीय सिनेमा के 110 साल की यात्रा
समारोह में भारतीय सिनेमा के 110 साल का इतिहास प्रस्तुत किया गया।
: दादा साहेब फाल्के की फिल्म "हरिश्चंद्र" का जिक्र किया गया।
: भगवान दादा के नृत्य और आरआरआर के प्रसिद्ध गीत "नाटु नाटु" पर प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
: समारोह का समापन "जय हो" गीत के साथ दर्शकों के झूमने पर हुआ।
अंतिम दिन तक चलेगा आयोजन
यह फिल्म महोत्सव 28 नवंबर तक चलेगा और इसमें भारतीय व अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
IFFI 2024 ने भारतीय संस्कृति, कला और सिनेमा के गौरव को एक बार फिर से प्रदर्शित किया।