Edited By Rahul Rana,Updated: 25 Nov, 2024 11:03 AM
गोवा में चल रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के एक विशेष सत्र में महान अभिनेता और निर्देशक राज कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस सत्र में राज कपूर के पोते, अभिनेता रणबीर कपूर और अनुभवी फिल्म निर्माता राहुल रवैल ने भाग लिया और...
नेशनल डेस्क। गोवा में चल रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के एक विशेष सत्र में महान अभिनेता और निर्देशक राज कपूर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस सत्र में राज कपूर के पोते, अभिनेता रणबीर कपूर और अनुभवी फिल्म निर्माता राहुल रवैल ने भाग लिया और अनमोल अनुभव को साझा किया। यह सत्र भारतीय सिनेमा में राज कपूर के योगदान उनके कार्यों की स्थायी विरासत और उनके प्रभाव को याद करने का एक आकर्षक अवसर था।
रणबीर कपूर ने दी श्रद्धांजलि:
रणबीर कपूर ने अपने दादा राज कपूर के असाधारण प्रभाव को सामने लाते हुए कहा कि उनकी फिल्में समय और सीमाओं से परे हैं। उन्होंने राज कपूर की कुछ प्रमुख फिल्मों जैसे आवारा, मेरा नाम जोकर और श्री 420 का उदाहरण देते हुए बताया कि इन फिल्मों की सार्वभौमिक अपील ने उन्हें दुनिया भर के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया था। रणबीर ने यह भी बताया कि इन फिल्मों में सामाजिक मुद्दों को पेश करने का तरीका दर्शकों से गहरे रूप से जुड़ा था।
राज कपूर की फिल्मों की प्रासंगिकता:
वहीं रणबीर ने कहा कि आवारा फिल्म जातिवाद के मुद्दे को उठाती है। वहीं श्री 420 में लालच और महत्वाकांक्षा की कहानी को दिखाया गया है। इसके अलावा प्रेम रोग और राम तेरी गंगा मैली जैसी फिल्मों में महिलाओं के मुद्दों और सामाजिक चुनौतियों पर उनके नैतिक दृष्टिकोण को सराहा गया। उन्होंने यह भी कहा कि राज कपूर की फिल्मों ने हमेशा समाज में सुधार की दिशा में काम किया और वे अपने समय से आगे के फिल्म निर्माता थे।
राज कपूर की फिल्मों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास:
इस मौके पर रणबीर ने बताया कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC), भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (NFAI) और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से राज कपूर की फिल्मों को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। अब तक राज कपूर की दस फिल्मों को पुनर्स्थापित किया जा चुका है और इन्हें दिसंबर 2024 में पूरे भारत में रिलीज़ किया जाएगा। रणबीर ने इस प्रयास के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारतीय सिनेमा के इतिहास को संरक्षित करने और राज कपूर की सिनेमाई प्रतिभा का जश्न मनाने के लिए आवश्यक है।
समाज और सिनेमा में बदलाव:
इस सत्र के दौरान फिल्म निर्माण, अभिनय और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। रणबीर कपूर ने बताया कि पिता बनने के बाद उनकी सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कलाकारों से आग्रह किया कि वे अपने मंच का उपयोग ज्ञान फैलाने और वैश्विक मुद्दों की वकालत करने के लिए करें। रणबीर ने यह भी कहा कि अभिनेताओं को महान कलाकारों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी अनूठी शैली विकसित करनी चाहिए।
IFFI का आभार:
कार्यक्रम का समापन करते हुए रणबीर कपूर ने IFFI का आभार व्यक्त किया और दर्शकों से राज कपूर के काम को फिर से देखने और संजोने का आह्वान किया। फिल्म निर्माता राहुल रवैल ने रणबीर की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राज कपूर का फिल्म उद्योग और समाज पर स्थायी प्रभाव है।
इस सत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, IFFI महोत्सव निदेशक शेखर कपूर, NFDC के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव वृंदा देसाई भी उपस्थित थे।