Edited By Pardeep,Updated: 21 Nov, 2024 11:46 PM
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने अपने 55वें संस्करण में संगीत कला और संस्कृति को मनोरंजन के केंद्र में लाने का वादा किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने प्रख्यात फिल्म अभिनेता और...
नेशनल डेस्कः भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने अपने 55वें संस्करण में संगीत कला और संस्कृति को मनोरंजन के केंद्र में लाने का वादा किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने प्रख्यात फिल्म अभिनेता और निर्माता अक्किनेनी नागार्जुन राव के साथ आज गोवा के पणजी में कला अकादमी में ‘सफरनामा: भारतीय सिनेमा का विकास’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। मल्टीमीडिया प्रदर्शनी केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारत की समृद्ध सिनेमाई परंपरा और इतिहास के बारे में लोगों तक पहुंचने के उद्देश्य से लगाई गई है।
उद्घाटन के दौरान जाजू ने कहा कि भारतीय सिनेमा का इतिहास राजा हरिश्चंद्र फिल्म से शुरू होता है, जब भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन था। इसके बावजूद भारत ने सिनेमाई सोच विकसित की और उस परंपरा को आज भी बरकरार रखा गया है। आईएफएफआई की इस विशेष पहल का उद्देश्य उस समृद्ध विरासत को सलाम करना और विशेष रूप से युवा छात्रों के सामने परंपराओं को प्रदर्शित करना है, ताकि सिनेमा और इसके माध्यम से हमें विरासत में मिले समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों में उनकी रुचि बढ़े।
जाने-माने अभिनेता नागार्जुन ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुशी-खुशी इस बात पर प्रकाश डाला कि उनके लिए सिनेमा भारतीय है और इसमें भाषा की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता अक्किनेनी नागेश्वर राव और राज कपूर, मोहम्मद रफी और तपन सिन्हा जैसे अन्य सौ साल पुराने दिग्गजों द्वारा स्थापित विरासत वास्तव में अभूतपूर्व है।
‘सफ़रनामा’ प्रदर्शनी में, चार दीर्घाएं उन चार दिग्गजों को समर्पित हैं जिनकी शताब्दी इस वर्ष IFFI में मनाई जा रही है - राज कपूर, मोहम्मद रफ़ी, तपन सिन्हा और अक्किनेनी नागेश्वर राव। प्रदर्शनी इन चार सिनेमाई दिग्गजों को क्यूरेटेड कंटेंट और दुर्लभ अभिलेखीय सामग्रियों के साथ सम्मानित करती है जिसमें पोस्टर, वीडियो और यादगार चीज़ें शामिल हैं, जो भारतीय सिनेमा को आकार देने वाली इन प्रतिष्ठित हस्तियों को श्रद्धांजलि देती हैं।
20 से 28 नवंबर, 2024 तक जनता के लिए खुली यह प्रदर्शनी भारतीय सिनेमा के शुरुआती दिनों से लेकर समकालीन नवाचारों तक की यात्रा की एक गतिशील खोज प्रस्तुत करती है। उम्मीद है कि यह बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों को आकर्षित करेगी जिससे यह युवा पीढ़ी के लिए एक शैक्षिक अनुभव बन जाएगा। प्रदर्शनी में प्रोजेक्शन मैपिंग, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, डिजिटल क्विज़ और डिजिटल पहेलियां जैसे नवीनतम तकनीकी तत्व हैं।
इस कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू द्वारा केटीबी - भारत हैं हम, एनिमेशन सीरीज सीजन-2 का शुभारंभ भी किया गया। स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित यह एनिमेटेड सीरीज 1 दिसंबर से दूरदर्शन, नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो और वेव्स पर प्रसारित होगी, साथ ही आकाशवाणी पर एक रेडियो सीरीज और स्पॉटिफाई पर पॉडकास्ट भी प्रसारित होगा। यह सीरीज 12 भारतीय भाषाओं- जिनमें हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, मराठी, गुजराती, बंगाली, असमिया और ओडिया शामिल हैं- और सात अंतरराष्ट्रीय भाषाओं- फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, रूसी, कोरियाई, चीनी और अरबी में उपलब्ध होगी, जिससे यह 150 देशों में वैश्विक दर्शकों के लिए सुलभ होगी, जिससे इसकी पहुंच और बढ़ेगी।
लॉन्च के दौरान दूरदर्शन की परंपरा और प्रसार भारती की नई ओटीटी पहल वेव्स के भविष्य को दर्शाते हुए एक सिग्नेचर सॉन्ग भी जारी किया गया।
लॉन्च कार्यक्रम के दौरान प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी, सीबीसी के महानिदेशक श्री योगेश बावेजा, शो के निर्माता ग्राफिटी स्टूडियो के मुंजाल श्रॉफ और तिलक शेट्टी, नेटफ्लिक्स इंडिया की सार्वजनिक नीति निदेशक महिमा कौल और प्राइम वीडियो की निदेशक एवं एसवीओडी प्रमुख शिलांगी मुखर्जी भी उपस्थित थे।