Edited By Parminder Kaur,Updated: 17 Mar, 2025 02:35 PM

लखनऊ के अवधपुरम कॉलोनी में एकता और भाईचारे की बेहतरीन मिसाल देखने को मिली। यहां स्थित 'शिव वाटिका' में एक साथ इफ्तार, नमाज और आरती का आयोजन किया गया, जो भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है। इस आयोजन में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग एक साथ जुटे...
नेशनल डेस्क. लखनऊ के अवधपुरम कॉलोनी में एकता और भाईचारे की बेहतरीन मिसाल देखने को मिली। यहां स्थित 'शिव वाटिका' में एक साथ इफ्तार, नमाज और आरती का आयोजन किया गया, जो भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है। इस आयोजन में मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग एक साथ जुटे और एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान किया।
यह आयोजन रविवार शाम को बाबा अवधेश्वर नाथ मंदिर के सामने स्थित 'शिव वाटिका' में हुआ। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा इफ्तार के लिए एकत्रित हुए और जमात के साथ नमाज अदा की। इफ्तार के बाद मंदिर में भगवान भोलेनाथ की आरती का आयोजन भी हुआ, जिसमें मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हुए।
'अवधपुरम वेलफेयर सोसाइटी' के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया कि यह आयोजन कॉलोनी के कई हिंदू और मुस्लिम भाइयों ने मिलकर किया। यह आयोजन हमारे आपसी भाईचारे और सद्भाव का प्रतीक है। 'वसुधैव कुटुंबकम' का संदेश भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, जो हर धर्म के सम्मान की बात करता है। शिव मंदिर के निर्माण में मुस्लिम समाज के लोगों का भी अहम योगदान रहा है और यह भाईचारा यहां की संस्कृति का अहम हिस्सा है।
सोसाइटी के सचिव आरिफ अली सिद्दीकी ने कहा कि मंदिर के पास रोजा इफ्तार और नमाज का आयोजन यह दर्शाता है कि "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। यह आयोजन यह साबित करता है कि अवधपुरम की गंगा-जमुनी तहजीब आज भी जीवित है।
सोसाइटी के कार्यकारिणी सदस्य शिवकुमार सिंह ने इस मौके पर कहा, "हम सभी एक ही परमपिता परमेश्वर की संतान हैं, भले ही हमारी पूजा की विधि अलग हो। मानवता की जीत तभी संभव है, जब हम एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करें।"