Edited By Mahima,Updated: 21 Jan, 2025 02:50 PM
IIT वाले बाबा, अभय सिंह ने संगम के किनारे तंत्र-मंत्र करते हुए अपनी ऊर्जा सृजन की प्रक्रिया, वर्तमान की अहमियत और कर्म के सिद्धांतों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपनी सीक्रेट डायरी में ब्रह्मांड और जीवन के रहस्यों का विश्लेषण किया। जूना अखाड़े...
नेशनल डेस्क: महाकुंभ के दौरान चर्चित हुए "IIT वाले बाबा" उर्फ अभय सिंह ने हाल ही में संगम के किनारे तंत्र-मंत्र करते हुए अपनी जीवन दर्शन और आत्मिक अनुभवों से जुड़ी कई अहम बातें साझा की। जूना अखाड़े से बाहर किए जाने के बाद से वह हर बार एक नए स्थान पर नजर आते हैं। इस बार, उन्होंने संगम के पास देर रात तंत्र-मंत्र की विधि करते हुए आज तक को विशेष बातचीत दी।
ऊर्जा भी यूनिवर्स की ऊर्जा से मेल खा सकती है
अभय सिंह ने पूजा और तंत्र-मंत्र के दौरान ऊर्जा सृजन के अपने तरीके को समझाया। उन्होंने बताया कि यह ऊर्जा एक बैलेंस वाली ऊर्जा होती है, जिसमें एक अपवर्ड (ऊर्ध्वमुखी) और एक डाउनवर्ड (अधोमुखी) बल मौजूद होता है। उनका कहना था कि यदि कोई व्यक्ति यूनिवर्स से पूरी तरह से सिंक में आ जाता है, तो उसकी ऊर्जा भी यूनिवर्स की ऊर्जा से मेल खा सकती है और वह जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस कर सकता है।
तंत्र-मंत्र के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्रों को समझाते हुए
जब उनसे पूछा गया कि यह ऊर्जा कैसे आती है, तो अभय सिंह ने बताया कि ध्यान के द्वारा यह ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। उन्होंने तंत्र-मंत्र के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्रों को समझाते हुए कहा कि अगरबत्ती और दीपक जैसी चीजें इस ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होती हैं।
भूतकाल और भविष्य केवल मानसिक स्थिति हैं
अभय सिंह का मानना है कि हम सभी को केवल वर्तमान में जीने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि "जो जीते हो, वह वर्तमान ही है।" वह यह मानते हैं कि भूतकाल और भविष्य केवल मानसिक स्थिति हैं और हमें चिंता की बजाय वर्तमान में पूरी तरह से जीने की कोशिश करनी चाहिए। भविष्य को लेकर चिंतित होना निरर्थक है, क्योंकि चिंता का मतलब होता है मानसिक तनाव, जो हमें सिर्फ नुक्सान ही पहुंचाता है।
जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं, वह सब कर्मों के कारण होती हैं
अभय सिंह ने कर्म और भाग्य के संबंध में भी अपनी स्पष्ट राय रखी। उनके अनुसार, "कर्म" ही असल में सबकुछ है और जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं, वह सब कर्मों के कारण होती हैं। भगवान या ब्रह्मा के लिए तो सब कुछ पहले से निर्धारित होता है, लेकिन इंसान इसे अपनी मर्जी से समझता है। उन्होंने यह भी बताया कि भाग्य भी कर्मों के सिद्धांत के तहत चलता है।
किसी चीज़ को पकड़कर रखना...
अभय सिंह ने पुनर्जन्म पर भी अपनी राय रखी और बताया कि यह सच है, लेकिन इसे समझने के लिए जन्म और मृत्यु की वास्तविकता को समझना जरूरी है। उन्होंने मोह को "किसी चीज़ को पकड़कर रखना" बताया और कहा कि मोह की अवस्था में इंसान परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पाता। उन्होंने मोह, प्रेम और लगाव में अंतर बताते हुए कहा कि प्रेम वह है जो बिना किसी प्रतिबंध के होता है, जबकि मोह और लगाव एक स्थिरता की इच्छा से पैदा होते हैं।
जीव की मृत्यु का एक निश्चित समय
अभय सिंह ने मृत्यु के बारे में कहा कि मृत्यु केवल शरीर की होती है, जबकि आत्मा कभी नहीं मरती। शरीर को छोड़ने के बाद आत्मा का अस्तित्व निरंतर रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि हर जीव की मृत्यु एक निश्चित समय पर होती है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए।
सीक्रेट डायरी का किया खुलासा
अभय सिंह ने अपनी डायरी भी दिखाई, जिसमें उन्होंने अपने विचार और जीवन के गहरे रहस्यों को लिखा है। उन्होंने बताया कि इस डायरी में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, जीवन के उद्देश्य और इच्छाओं की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। पुराणों और गणित के सिद्धांतों के आधार पर उन्होंने यह समझाया कि जब सब कुछ एक था तो वह अनेक क्यों हुआ, और यह सब इच्छाओं के कारण हुआ।
किसी के लिए एक जैसा रास्ता नहीं हो सकता
जब युवा छात्रों द्वारा सवाल किया गया कि उन्हें परीक्षा में सफलता नहीं मिल रही या वे डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन पा रहे, तो अभय सिंह ने कहा कि यह संभव है कि वे अपनी क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हों या उन्हें सही वातावरण नहीं मिल रहा हो। उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी के लिए एक जैसा रास्ता नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें अपनी दिशा सही से पहचाननी होगी।
मानसिक स्थिति को प्रभावित
जूना अखाड़े के कुछ साधुओं ने अभय सिंह के मीडिया इंटरव्यू के कारण उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित महसूस किया। इस कारण, आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के निर्देशन में यह निर्णय लिया गया कि अभय सिंह को आश्रम से बाहर कर दिया जाए। हालांकि, अभय सिंह ने इस निर्णय पर कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी और अपनी आत्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। अभय सिंह का कहना है कि मानवता की भलाई के लिए अभी बहुत काम करना बाकी है, क्योंकि वर्तमान में लोग जीवन के गहरे अर्थ को समझने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य को एक दिन पूरा किया जाएगा, और इसके लिए उनका प्रयास निरंतर जारी रहेगा।