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सुई का डर खत्म! IIT बॉम्बे ने बना डाली बिना सुई वाली शॉक सिरिंज, अब आप हंसते-हंसते लगवा लेंगे इंजेक्शन

Edited By Rahul Rana,Updated: 27 Dec, 2024 12:49 PM

iit bombay has made a shock syringe without needle

अब इंजेक्शन लगवाने से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है। उन्होंने शॉकवेव बेस्ड नीडल-फ्री सिरिंज बनाई है जिसमें सुई की जगह उच्च-ऊर्जा दबाव तरंगों (शॉकवेव्स) का इस्तेमाल होता है। यह सिरिंज बिना किसी दर्द...

नेशनल डेस्क। अब इंजेक्शन लगवाने से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है। उन्होंने शॉकवेव बेस्ड नीडल-फ्री सिरिंज बनाई है जिसमें सुई की जगह उच्च-ऊर्जा दबाव तरंगों (शॉकवेव्स) का इस्तेमाल होता है। यह सिरिंज बिना किसी दर्द और चोट के दवा को शरीर में पहुंचा देती है।

कैसे काम करती है शॉक सिरिंज?

यह सिरिंज सुई की तरह स्किन को भेदती नहीं है। इसके बजाय यह दवा को शॉकवेव्स की मदद से त्वचा में प्रवेश कराती है। दवा इतनी तेजी से स्किन के अंदर पहुंचती है कि आपको दर्द का एहसास भी नहीं होता। इस तकनीक को बनाने में IIT बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की टीम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

किनके लिए होगी फायदेमंद?

- सुई से डरने वाले लोग: जो वैक्सीन या इंजेक्शन लगवाने से डरते हैं।
- डायबिटीज के मरीज: जिन्हें रोजाना इंसुलिन लेना पड़ता है।
- संक्रमण से बचाव: यह सिरिंज संक्रमण का खतरा कम करती है क्योंकि इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होता।

खासियत क्या है?

: सिरिंज की नोजल बेहद पतली (125 माइक्रोन बाल की चौड़ाई जितनी) है।
: दवा बिना किसी दर्द या चोट के शरीर में पहुंचती है।
: सटीक मात्रा में दवा को सही जगह पहुंचाने के लिए डिज़ाइन की गई है।
: त्वचा और टिशूज को नुकसान नहीं होता।
: पारंपरिक इंजेक्शन की तुलना में लागत कम है।

शोधकर्ताओं ने कैसे किया परीक्षण?

शॉक सिरिंज का परीक्षण चूहों पर किया गया जहां विभिन्न दवाओं का इस्तेमाल हुआ। नतीजों से पता चला कि यह सिरिंज पारंपरिक सुइयों जितनी ही असरदार है।

- इंसुलिन देने पर: ब्लड शुगर को लंबे समय तक कंट्रोल किया।
- एंटीफंगल और एनेस्थेटिक दवाएं: त्वचा और खून में बेहतर तरीके से पहुंचीं।
- कम सूजन और त्वचा को कम नुकसान हुआ।

भविष्य में क्या होगा उपयोग?

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक बड़े स्तर पर इस्तेमाल के लिए तैयार है। शॉक सिरिंज से दवाएं तेजी से और सुरक्षित तरीके से दी जा सकती हैं। यह तकनीक हेल्थकेयर सेक्टर में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।

तो अब इंजेक्शन का डर छोड़िए क्योंकि IIT बॉम्बे की शॉक सिरिंज के साथ दर्द भरे इंजेक्शन बीते दिनों की बात हो जाएंगे।

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