Big Update On Chikungunya: HIV की दवा से मिलेगा चिकनगुनिया का इलाज, जानें कैसे

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Mar, 2025 12:39 PM

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चिकनगुनिया (Chikungunya) एक मच्छर जनित वायरस है, जो मानव शरीर को अपनी चपेट में लेकर बुखार, जोड़ों में दर्द और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न करता है। हालांकि चिकनगुनिया का कोई निश्चित इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है

नेशलन डेस्क: चिकनगुनिया (Chikungunya) एक मच्छर जनित वायरस है, जो मानव शरीर को अपनी चपेट में लेकर बुखार, जोड़ों में दर्द और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न करता है। हालांकि चिकनगुनिया का कोई निश्चित इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन IIT रुड़की के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है, जिससे इस बीमारी के इलाज की दिशा में नई उम्मीद जगी है। इस शोध में पाया गया कि HIV के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा ‘इफाविरेन्ज़’ (Efavirenz) चिकनगुनिया वायरस की प्रतिकृति को कम करने में प्रभावी हो सकती है।

इफाविरेन्ज़ (Efavirenz) कैसे काम करती है?

IIT रुड़की के शोधकर्ताओं ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से प्रयोगशाला में और चूहों पर किए गए परीक्षणों में पाया कि इफाविरेन्ज़ चिकनगुनिया वायरस की संख्या को कम करने में सक्षम है। इस दवा का मुख्य प्रभाव वायरस के प्रजनन चक्र पर पड़ा, जिससे इसका प्रसार कम हुआ। इफाविरेन्ज़ न केवल चिकनगुनिया वायरस पर प्रभाव डाल रही है, बल्कि इसे सिंडबिस वायरस (Sindbis Virus) पर भी प्रभावी पाया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि इस दवा के एंटीवायरल गुण व्यापक हैं।

शोध के मुख्य निष्कर्ष:

  • प्रजनन चक्र में रुकावट: इफाविरेन्ज़ वायरस के प्रारंभिक प्रजनन चक्र को बाधित करती है, जिससे वायरस की संख्या में कमी आती है।
  • व्यापक एंटीवायरल गुण: इस दवा का प्रभाव सिंडबिस वायरस जैसे अन्य मच्छर जनित वायरस पर भी देखा गया।
  • जल्दी परखा जा सकता है: चूंकि इफाविरेन्ज़ पहले से HIV के इलाज में इस्तेमाल हो रही है, इसे चिकनगुनिया के इलाज के रूप में जल्दी परखा जा सकता है।

विशेषज्ञों की राय:

एक डॉ. ने बताया कि इफाविरेन्ज़ चिकनगुनिया वायरस की प्रारंभिक प्रतिकृति प्रक्रिया को बाधित करती है। उनके अनुसार, चूंकि यह दवा पहले से HIV के इलाज में इस्तेमाल हो रही है, इसलिए इसके चिकनगुनिया के इलाज में इस्तेमाल की संभावना जल्दी परखी जा सकती है। शोध के प्रमुख लेखक, प्रो. शैली तोमर ने कहा, “फिलहाल चिकनगुनिया के लिए कोई विशेष एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यह अध्ययन एक नई दिशा दिखाता है, लेकिन रोगियों पर इसके प्रभाव की जांच के लिए क्लिनिकल ट्रायल जरूरी हैं।”

IIT रुड़की के निदेशक, प्रो. कमल किशोर पंत ने इस शोध को सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय:

चिकनगुनिया का इलाज अभी पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ बचाव उपायों से इस बीमारी से बचा जा सकता है:

  1. मच्छरों से बचाव करें: त्वचा पर DEET-आधारित या प्राकृतिक मच्छर प्रतिरोधक क्रीम लगाएं।
  2. घर के आसपास मच्छरों के प्रजनन को रोकें: घर में पानी जमा न होने दें और कूलर, फूलदान जैसे कंटेनरों का पानी नियमित रूप से बदलें।
  3. सोते समय सुरक्षा अपनाएं: मच्छरदानी का उपयोग करें और दरवाजों, खिड़कियों पर जाली लगवाएं।
  4. मच्छर भगाने वाले उपकरणों का उपयोग करें: घर में मच्छर मारने वाली कॉइल, वेपोराइज़र आदि का उपयोग करें।

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