Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 01:20 PM
एक होशियार IIT छात्र को एक 10वीं फेल अपराधी ने डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए चार लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया। इस जालसाजी का खुलासा पुलिस ने चेन्नई में किया, जहां आरोपी मदन लाल को गिरफ्तार किया गया। यह मामला एक डिजिटल अपराध और साइबर ठगी का है, जिसमें...
नेशनल डेस्क: एक होशियार IIT छात्र को एक 10वीं फेल अपराधी ने डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए चार लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया। इस जालसाजी का खुलासा पुलिस ने चेन्नई में किया, जहां आरोपी मदन लाल को गिरफ्तार किया गया। यह मामला एक डिजिटल अपराध और साइबर ठगी का है, जिसमें आरोपी ने अपने शिकार को इस तरह फंसाया कि वह आसानी से धोखाधड़ी का शिकार बन गया। आरोपी ने अपने शिकार को पुलिस और ED (एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) के अधिकारी के रूप में पहचान कर उसे झांसा दिया। 16 नवंबर 2024 को IIT दिल्ली के एक स्टूडेंट को एक कॉल आई, जिसमें यह बताया गया कि उसके नाम से बीजिंग एक पार्सल भेजा जा रहा है। जब स्टूडेंट ने इससे इनकार किया, तो आरोपी ने खुद को पुलिस का अधिकारी बताते हुए उसे गिरफ्तारी की धमकी दी।
आरोपी ने यह आरोप लगाया कि स्टूडेंट पर गैर-कानूनी कामों में शामिल होने का आरोप है और उसे बेगुनाही साबित करने के लिए पैसे ट्रांसफर करने का दबाव डाला। इसके बाद आरोपी ने स्टूडेंट से कुल 4.33 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
पुलिस ने जांच के दौरान यह पाया कि कॉल करने वाला व्यक्ति एक विदेशी नंबर से संपर्क कर रहा था। इसके बाद ट्रांसफर की गई रकम की दिशा भी ट्रेस की गई और पता चला कि राशि को राजस्थान के रायसिंहनगर के एक बैंक अकाउंट में भेजा गया था। आरोपी का नाम मदन लाल था, जो राजस्थान के लोहावट का रहने वाला था। उसने दावा किया कि वह एक चाइनीज़ महिला को क्रिप्टोकरेंसी बेचने का काम करता था और इसके लिए उसने विदेशी एक्सचेंज का इस्तेमाल किया था।
बैंक डिटेल्स कैसे हासिल की गईं?
पूछताछ में यह सामने आया कि स्टूडेंट का बैंक अकाउंट डिटेल्स उसके दोस्त गगनदीप सिंह ने बदलवाए थे। इसके बाद आरोपी ने इन डिटेल्स का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की। गगनदीप ने बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलवाया था, जिससे आरोपी को शिकार बनाने में मदद मिली। आरोपी ने क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन भी एक चाइनीज़ महिला के जरिए किया, जिसका पता पुलिस ने लगाया।
आरोपी का मुख्य धंधा
मदन लाल और उसके साथी लोग लोगों के बैंक अकाउंट की डिटेल्स खरीदते थे और फिर उनके डेबिट कार्ड से पैसे निकालते थे। इसके बाद, ये पैसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश में बैठे लोगों को ऊंचे दामों पर बेच देते थे। आरोपी के पास से कई क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन के प्रमाण भी मिले, जो उसकी ठगी के नेटवर्क को और मजबूत करते हैं।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
मदन लाल के खिलाफ मामले की जांच जारी है और वह फिलहाल पुलिस हिरासत में है। पुलिस ने कहा कि इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनका जल्द ही पता लगाया जाएगा। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, और साइबर अपराधों में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है।