Edited By Mahima,Updated: 21 Dec, 2024 11:44 AM
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने स्कूलों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के छात्रों की पहचान करने और उन्हें दाखिला न देने के लिए आदेश दिए हैं। इसके साथ ही, जन स्वास्थ्य विभाग को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने पर सख्त निर्देश दिए गए हैं। MCD ने 31 दिसंबर 2024 तक...
नेशनल डेस्क: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को लेकर एक अहम कदम उठाया है। विधानसभा चुनाव से पहले बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा फिर से गरमाया हुआ है, और अब दिल्ली के स्कूलों में अवैध बांग्लादेशी छात्रों की पहचान को लेकर MCD ने सख्ती से कार्रवाई की योजना बनाई है। MCD ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि वे अपनी छानबीन करें और स्कूलों में पढ़ रहे अवैध बांग्लादेशी छात्रों की पहचान करें। इसके साथ ही, दिल्ली के सरकारी और निजी स्कूलों में अवैध प्रवासियों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए जाने का निर्देश दिया गया है।
MCD ने स्कूलों को जारी किए आदेश
MCD के शिक्षा विभाग ने दिल्ली के सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि वे तुरंत अपनी सूची की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को आदेश दिया गया है कि वे सत्यापन अभियान चलाएं, जिसके तहत सभी छात्रों के दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अवैध प्रवासी शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन न कर रहा हो। MCD के डिप्टी कमिश्नर (मुख्यालय), बीपी भारद्वाज ने कहा कि स्कूलों को दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के बच्चे सरकारी या निजी स्कूलों में दाखिला न ले सकें। यदि ऐसे बच्चे पहले से स्कूलों में पढ़ रहे हैं, तो उन्हें तत्काल पहचान कर उनकी स्थिति स्पष्ट की जाए।
अतिक्रमण हटाने और जन्म प्रमाण पत्र पर रोक
इसके अलावा, MCD ने जन स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देश भी दिया है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी न किया जाए। MCD ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि बांग्लादेशी प्रवासियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में कोई लापरवाही न हो। MCD ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि यदि किसी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी को पहले ही जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है, तो उनका सत्यापन किया जाए। जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जाएं, ताकि अवैध प्रवासियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिल सके। इसके साथ ही, यदि किसी बांग्लादेशी नागरिक द्वारा दिल्ली में अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है, तो उसे तत्काल हटाने का आदेश दिया गया है। MCD ने अपने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और संबंधित विभागों से इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने को कहा है।
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर सख्ती
MCD की बैठक में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की गई थी। बैठक के दौरान यह तय किया गया कि MCD के सभी संबंधित विभागाध्यक्षों और क्षेत्रीय अधिकारियों को एक सख्त अभियान चलाने का आदेश दिया जाएगा। यह अभियान मुख्य रूप से सत्यापन, डॉक्युमेंट चेकिंग, और जन्म प्रमाण पत्र की समीक्षा के आधार पर होगा। MCD ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण और दस्तावेज़ों की गड़बड़ी को रोका जाए। अधिकारियों को इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाने होंगे, ताकि बांग्लादेशी नागरिकों को दिल्ली में अवैध रूप से निवास करने की छूट न मिल सके।
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला
दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठ एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है, और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इसे राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर एक अहम विषय के रूप में देखा जा रहा है। बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ से जुड़ी समस्याओं को लेकर समय-समय पर आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं। इस पर राजनीति भी गर्माती है, खासकर जब देश में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बहस होती है। दिल्ली नगर निगम का यह कदम दिल्ली के निवासियों और चुनावों से पहले सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भेजने वाला है। MCD का मानना है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई से राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सकारात्मक असर पड़ेगा और दिल्ली में अवैध घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी। इस सख्त कार्रवाई के बाद, दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की स्थिति पर नज़र रखने और उनका सत्यापन करने का कार्य तेज़ हो सकता है। 31 दिसंबर 2024 तक MCD को इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिल्ली के स्कूलों में कोई अवैध प्रवासी शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहा हो और उन्हें सरकारी सुविधाओं का फायदा न मिले।