Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Apr, 2025 01:12 PM
अमेरिका में इमिग्रेशन को लेकर चल रही बहस अब और तेज़ हो गई है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत अब वीजा और ग्रीन कार्ड के आवेदकों के सोशल मीडिया हैंडल्स को भी बारीकी से स्कैन किया जाएगा। यानी आपका...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में इमिग्रेशन को लेकर चल रही बहस अब और तेज़ हो गई है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने नया प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत अब वीजा और ग्रीन कार्ड के आवेदकों के सोशल मीडिया हैंडल्स को भी बारीकी से स्कैन किया जाएगा। यानी आपका इंस्टाग्राम, ट्विटर (अब X), फेसबुक या यहां तक कि टिकटॉक पर डाला गया कोई पोस्ट आपके अमेरिका में बसने का सपना चकनाचूर कर सकता है।
अब हर पोस्ट पर होगी नज़र!
नए नियमों के मुताबिक, USCIS उन सोशल मीडिया पोस्ट्स को विशेष रूप से चेक करेगा, जिनमें किसी आतंकवादी संगठन के लिए समर्थन, कट्टरपंथी विचारधाराएं या यहूदी विरोधी कंटेंट शामिल हो सकता है। अगर आपकी कोई पोस्ट इन श्रेणियों में आती है, तो वह आपके खिलाफ इस्तेमाल की जा सकती है। इस कदम का मकसद है अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक सेफ्टी को मजबूत बनाना। USCIS ने कहा है कि यह नियम उन सभी पर लागू होगा जो अमेरिका में परमानेंट रेजिडेंसी (Green Card) के लिए आवेदन कर रहे हैं — चाहे वे विदेशी छात्र हों, नागरिक हों या फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद जैसे संगठनों के विरोधी।
गैर-नागरिकों को जल्द करनी होगी रजिस्ट्रेशन
US में रह रहे सभी गैर-नागरिकों को शुक्रवार तक खुद को पंजीकृत (रजिस्टर) करना होगा। यह आदेश एक फेडरल जज द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिससे यह नियम अब आधिकारिक तौर पर लागू माना जा रहा है। USCIS ने स्पष्ट कर दिया है कि होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) इमिग्रेशन कानूनों को पूरी ताकत से लागू करेगा।
‘पहले अमेंडमेंट’ की आड़ नहीं चलेगी
DHS की पब्लिक रिलेशंस असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने कहा है कि अमेरिका में आतंकवाद समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं है। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का चरमपंथी या हिंसक कंटेंट अब गंभीर परिणामों का कारण बन सकता है। DHS ने यह भी चेतावनी दी है कि 'फ्री स्पीच' या 'पहले अमेंडमेंट' की आड़ लेकर यहूदी विरोधी या आतंक समर्थक विचारों को प्रमोट करने वालों को अमेरिका में जगह नहीं मिलेगी।
नए दौर की निगरानी: डिजिटल फूटप्रिंट पर बढ़ी सख्ती
इस फैसले से साफ हो गया है कि अब सिर्फ दस्तावेज़ी रिकॉर्ड नहीं, बल्कि आपकी डिजिटल पहचान भी जांच के घेरे में है। अमेरिका अब वीजा से लेकर नागरिकता तक की प्रक्रिया में डिजिटल व्यवहार को भी अहम मानदंड बना रहा है।