Edited By Mahima,Updated: 10 Jan, 2025 12:23 PM
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद भारतीय छात्रों में नए वीजा नियमों को लेकर असमंजस की स्थिति है। हालांकि इमिग्रेशन विशेषज्ञों ने छात्रों को आगामी 22 जनवरी तक कनाडाई वीजा के लिए आवेदन करने की सलाह दी।
नेशनल डेस्क: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा के बाद भारतीय छात्रों में नए वीजा नियमों को लेकर असमंजस की स्थिति है। हालांकि इमिग्रेशन विशेषज्ञों ने छात्रों को आगामी 22 जनवरी तक कनाडाई वीजा के लिए आवेदन करने की सलाह दी। इसकी वजह वे यह बता रहे हैं कि 22 जनवरी 2024 को कनाडाई सरकार ने प्रत्येक प्रांत में प्रवेश पाने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर एक सीमा लागू की थी, जिससे प्रांतीय सत्यापन पत्र (पी.ए.एल.) या प्रादेशिक सत्यापन पत्र (टी.ए.एल.) अनिवार्य हो गया था। विशेषज्ञों को मत है कि इस साल 22 जनवरी 2025 के फिर से करीब आने के साथ इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि क्या सरकार छात्र वीजा नीति से संबंधित नए नियम लागू करेगी?
पी.ए.एल. वाले छात्रों के लिए आवेदन जरूरी
इमिग्रेशन विशेषज्ञ तीरथ सिंह के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पी.ए.एल. या प्रादेशिक टी.ए.एल. पा चुके छात्रों को 22 जनवरी से पहले कनाडाई वीजा के लिए आवेदन करना चाहिए। चूंकि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सीटों के एक निश्चित कोटे के तहत प्रत्येक प्रांत द्वारा जारी किया जाने वाला पी.ए.एल. महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि अध्ययन परमिट आवेदन जनवरी 2024 में स्थापित नियम अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर राष्ट्रीय सीमा के भीतर आता है।
पुराने नियमों के तहत जमा कराएं निवेश प्रमाणपत्र
विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि छात्रों को एक साल की ट्यूशन फीस का भुगतान करना चाहिए और गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (जी.आई.सी.) जमा कराना करना चाहिए। भले ही नवंबर 2023 में छात्र वीजा के लिए पेश किए गए नए नियमों के तहत जी.आई.सी. अब अनिवार्य नहीं है। पिछले एक साल में कनाडा की छात्र वीजा नीति में कई बदलावों के कारण छात्र वीजा के लिए आवेदन करने में देरी कर रहे हैं। उनका मानना है कि छात्रों के बीच नए नियमों को लेकर काफी भ्रम है।
आवंटित सीटें ऐसे हो सकती हैं बेकार
इमिग्रेशन विशेषज्ञ तीरथ सिंह ने कहा है कि केवल 21 जनवरी 2025 तक वैध पी.ए.एल. वाले कई छात्रों ने अभी तक अपने वीजा के लिए आवेदन नहीं किया है। पी.ए.एल. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो अब एक निश्चित कोटा के तहत संचालित होते हैं। यदि छात्र पी.ए.एल.प्राप्त करने के बाद इन संस्थानों में प्रवेश पाने में विफल रहते हैं, तो आवंटित सीटें बेकार हो जाएंगी। ऐसे छात्र भविष्य में उसी कॉलेज से पी.ए.एल. प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। छात्रों को कॉलेज में सीट आरक्षित करने के लिए पी.ए.एल. करीब 1,000 से 2500 डॉलर प्रारंभिक शुल्क देने के बाद जारी किया जाता है। यह सत्यापित करता है कि छात्र ने कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा किया है। पी.ए.एल.के बिना छात्र अपने आवेदनों के साथ आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
22 जनवरी के बाद सख्त भी हो सकते हैं नियम
प्रांतों ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए कोटा तय कर रखा है और देरी के कारण छात्रों को अपना स्थान खोना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कनाडाई आव्रजन अधिकारी 22 जनवरी के बाद नियमों को सख्त कर सकते हैं या अध्ययन परमिट आवेदनों के लिए अतिरिक्त आवश्यकताएं लागू कर सकते हैं। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन पिछले रुझानों से संकेत मिलता है कि कनाडा जनवरी 2024 में शुरू की गई अपनी अंतर्राष्ट्रीय छात्र नीतियों को जारी रख सकता है, इसलिए सख्त नियम लागू किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तुरंत कार्रवाई करने से छात्र के मौजूदा सिस्टम के तहत कनाडा में अध्ययन करने के अवसर की रक्षा हो सकती है।