Edited By Harman Kaur,Updated: 21 Mar, 2025 01:34 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 अप्रैल 2025 से नए बैंकिंग नियम लागू करने जा रहा है। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को और सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहकों के लिए आसान बनाना है। ये नियम SBI, PNB, Canara Bank and HDFC समेत कई बैंकों के खाताधारकों को...
नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 अप्रैल 2025 से नए बैंकिंग नियम लागू करने जा रहा है। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को और सुरक्षित, पारदर्शी और ग्राहकों के लिए आसान बनाना है। ये नियम SBI, PNB, Canara Bank and HDFC समेत कई बैंकों के खाताधारकों को प्रभावित करेंगे। अगर आप बैंक अकाउंट होल्डर हैं, तो इन टॉप 5 बदलावों के बारे में जरूर जान लें, ताकि आपको कोई परेशानी न हो...
Minimum Balance Requirement
अब बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होगा। साथ ही सेविंग अकाउंट होल्डर्स को अब पहले से ज्यादा न्यूनतम बैलेंस रखना होगा। यह खाते के प्रकार और भौगोलिक क्षेत्र (शहरी, अर्ध-शहरी, ग्रामीण) के अनुसार तय किया जाएगा। वहीं, अगर अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं रखी गई, तो पेनल्टी लग सकती है।
Change in ATM withdrawal charges
1 अप्रैल 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन शुल्क में संशोधन किया जाएगा। जिसके चलते फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या घट सकती है। वहीं, दूसरे बैंकों के एटीएम से लेनदेन करने पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ सकता है। अभी महीने में 3 से 5 बार तक मुफ्त एटीएम निकासी की सुविधा मिलती है, लेकिन नए नियमों के बाद अतिरिक्त निकासी पर 20-25 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज लग सकता है।
Change in interest rates on savings account and FD
बैंकों ने बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में बदलाव किया है। बचत खाते की ब्याज दर अब खाते में उपलब्ध बैलेंस के आधार पर तय होगी। साथ ही लॉन्ग टर्म निवेश को आकर्षित करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में भी संशोधन किया गया है।
Expansion of digital banking facilities
बैंकों की ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं को अपग्रेड किया जाएगा। ग्राहकों के सवालों के जवाब देने के लिए AI चैटबॉट्स की मदद ली जाएगी। डिजिटल लेनदेन को और सुरक्षित बनाने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और टू-फैक्टर वेरिफिकेशन लागू किया जाएगा। ये नए फीचर्स 1 अप्रैल से ऑनलाइन बैंकिंग में जोड़े जाएंगे।
Introduction of Positive Pay System
बड़ी राशि के चेक ट्रांजैक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए 'पॉजिटिव पे सिस्टम' (PPS) लागू किया जा रहा है। ₹50,000 से ज्यादा के चेक के लिए डिटेल्स वेरीफाई करवाना जरूरी होगा। इससे धोखाधड़ी और गलत ट्रांजैक्शन का जोखिम कम होगा। वहीं, चेक के जरिए किए गए भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी।
बैंकिंग नियमों में बदलाव क्यों किए जा रहे हैं?
- ग्राहकों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए।
- बैंकिंग ट्रांजैक्शन को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए।
- डिजिटल बैंकिंग और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए नए फीचर्स जोड़ना।
- ग्राहकों के बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए।