Edited By Rahul Rana,Updated: 19 Dec, 2024 09:03 AM
भारत और चीन अपने आपसी संबंधों को सुधारने और मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने चीन का दौरा किया और चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच 6...
नेशनल डेस्क। भारत और चीन अपने आपसी संबंधों को सुधारने और मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने चीन का दौरा किया और चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच 6 महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी जिसमें सीमा विवाद का समाधान और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला शामिल है।
महत्वपूर्ण फैसले और सहमति:
1. सीमा विवाद पर बातचीत:
दोनों देशों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य तरीके पर जोर दिया।
: सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं डालने देने का संकल्प लिया गया।
: गश्त समझौते के तहत दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने का वादा किया।
2. कैलाश मानसरोवर यात्रा:
तीर्थयात्रियों की यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी।
: यह फैसला भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
3. नदियों से संबंधित डेटा साझा करना:
: सीमा पार सहयोग बढ़ाने के लिए नदी के आंकड़े साझा करने पर सहमति बनी।
4. सैनिकों की वापसी:
: पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग इलाकों से सैनिकों की वापसी का समझौता किया गया।
5. आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग:
दोनों देशों ने सीमा पार व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया।
: नाथूला दर्रा व्यापार को फिर से सक्रिय करने पर चर्चा हुई।
6. विश्वास बहाली के उपाय:
: सीमा क्षेत्र में विश्वास बढ़ाने के लिए उपायों को मजबूत करने पर सहमति बनी।
विदेश मंत्रालय का बयान:
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने जमीनी स्तर पर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
: इस वार्ता का उद्देश्य क्षेत्रीय और वैश्विक शांति सुनिश्चित करना है।
: दोनों देश सीमा प्रबंधन और नियंत्रण के नियमों को परिष्कृत करने के लिए काम करेंगे।
चीन का बयान:
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा:
: दोनों देशों ने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
: सीमा पार व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्ता को मजबूत करने पर सहमति हुई।
: अगले वर्ष भारत में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
डोभाल की उपराष्ट्रपति से मुलाकात:
अजित डोभाल ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की।
: उन्होंने चीनी प्रतिनिधियों को भारत आने का निमंत्रण दिया।
: यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पृष्ठभूमि:
2020 में लद्दाख में गलवान घाटी की झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
: उस समय से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।
बता दें कि भारत और चीन के बीच इस वार्ता को एक बड़ा सकारात्मक कदम माना जा रहा है। सीमा विवाद के समाधान और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए यह बैठक महत्वपूर्ण रही। कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली से दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि भविष्य में दोनों देशों को इस दिशा में निरंतर और ठोस प्रयास करने होंगे।