Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Sep, 2024 05:34 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने राज्य के लोगों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद राज्य में बिजली मुफ्त देने का निर्णय लिया, जिससे लोगों को बहुत बड़ा आर्थिक लाभ हुआ है। अब लोगों के बिजली के...
नेशनल डेस्क. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने राज्य के लोगों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद राज्य में बिजली मुफ्त देने का निर्णय लिया, जिससे लोगों को बहुत बड़ा आर्थिक लाभ हुआ है। अब लोगों के बिजली के बिल 'जीरो' आ रहे हैं। पंजाब सरकार की इस मुफ्त बिजली स्कीम के कारण गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिली है। इस योजना के लागू होने के बाद पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहाँ 90 प्रतिशत घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के बिल 'जीरो' आते हैं।
पहले जो पैसा गरीब परिवार बिजली के बिलों के भुगतान में खर्च करते थे, अब वही पैसा वे अपने परिवार की अन्य जरूरतों के लिए खर्च कर रहे हैं। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिली है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार के इस प्रयास के कारण 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली की सुविधा मिल रही है।
कुराली के लोगों ने पंजाब सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि पंजाब सरकार ने बिजली के बिल फ्री कर के बहुत अच्छा काम किया है। सरकारी योजनाएं बहुत प्रभावशाली हैं और गरीबों को इससे काफी राहत मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में भगवंत मान की ही सरकार रहनी चाहिए और गरीबों के अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। लोग अब बिजली के बिलों की बचत को बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर रहे हैं।
पंजाब सरकार द्वारा पावरकर्म को सब्सिडी की अग्रिम अदायगी
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने पावरकर्म को सब्सिडी की अग्रिम अदायगी करके एक नई मिसाल पेश की है। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंत में पंजाब सरकार ने पावरकर्म को 20,200 करोड़ रुपए की सब्सिडी अदा की है। इसमें सरकार ने पहली किश्त के 1804 करोड़ रुपए के साथ-साथ पिछली सरकारों के समय के बकाए 9020 करोड़ रुपए की भी अदायगी की है।
इसके अलावा किसानों की मोटरों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति के 9063.79 करोड़ रुपए, घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के 8225 करोड़ रुपए और औद्योगिक क्षेत्र की सब्सिडी के 2910 करोड़ रुपए भी इसमें शामिल हैं। सरकार ने पिछले बकाए पर लगे 663.54 करोड़ रुपए के ब्याज की अदायगी भी कर दी है।