Edited By Mahima,Updated: 31 Dec, 2024 05:36 PM
2024 में AI, डिजिटल अरेस्ट, और शॉपिंग स्कैम जैसे तरीकों से जालसाजों ने भारतीयों से ₹11,000 करोड़ से अधिक ठगे। इन घोटालों में वॉयस क्लोनिंग, डीपफेक और फर्जी निवेश योजनाओं का इस्तेमाल हुआ। सरकार और टेलिकॉम कंपनियों ने साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई...
नेशनल डेस्क: जैसे ही 2024 का साल समाप्त होने को है, यह वर्ष भारतीयों के लिए साइबर धोखाधड़ी का वर्ष बनकर सामने आया है। साल भर में जालसाजों ने विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल कर लाखों लोगों को ठगा और करोड़ों रुपये की ठगी की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डिजिटल अरेस्ट, शॉपिंग स्कैम जैसे नए और खतरनाक तरीकों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की गई। इस साल भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल ₹11,000 करोड़ से अधिक की ठगी हुई। रोजाना 6,000 से अधिक साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज की गईं, जो औसतन ₹60 करोड़ के नुकसान का रूप ले रही थीं।
AI का दुरुपयोग से धोखाधड़ी का नया तरीका
साल 2024 में सबसे बड़ा बदलाव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग था, जिसे जालसाजों ने अपने हित में इस्तेमाल किया। डीपफेक और वॉयस क्लोनिंगजैसी तकनीकों के जरिए जालसाजों ने न केवल आम नागरिकों बल्कि बड़े-बड़े व्यापारिक और सरकारी अधिकारियों को भी निशाना बनाया। जालसाजों ने वॉयस क्लोनिंगतकनीक का इस्तेमाल कर परिवार के सदस्यों और दोस्तों की आवाज़ की नकली कॉपी बनाई और इससे पीड़ितों से पैसा ऐंठने की कोशिश की। इसका एक प्रमुख उदाहरण सामने आया जब जालसाजों ने भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल की आवाज की क्लोनिंग कर कंपनी के अधिकारियों से पैसों की ट्रांजैक्शन करवाई। इसके अलावा, कुछ प्रमुख हस्तियों जैसे अनंत अंबानी, विराट कोहली और एमएस धोनी के डीपफेक वीडियो और ऑडियो का इस्तेमाल सट्टेबाजी ऐप्स को प्रमोट करने के लिए किया गया। इस तरह के जालसाजों ने उभरते हुए क्षेत्रों में इन प्रभावशाली व्यक्तित्वों का नाम लेकर अपनी धोखाधड़ी को और बढ़ाया।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम
2024 में एक और घातक और भयावह धोखाधड़ी का तरीका डिजिटल अरेस्ट स्कैम था। इसमें जालसाज खुद को सरकारी एजेंसियों जैसे सीबीआई, एनआईए, ईडी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य उच्च प्रोफाइल एजेंसियों के अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करते थे और शिकार को आरोपों में फंसाने की धमकी देते थे। इन ठगों ने पीड़ितों को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए डर और मनगढ़ंत कहानियों का सहारा लिया। इस प्रकार के स्कैम ने कई लोगों को मानसिक और वित्तीय रूप से नुकसान पहुंचाया।
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जब उसे यह कहा गया कि उसकी बेटी को सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और अगर वह ₹1 लाख का भुगतान नहीं करती तो उसके खिलाफ अश्लील वीडियो लीक कर दिया जाएगा। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के केंद्र अधिकतर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे म्यांमार, कंबोडिया, और लाओस में पाए गए, जहां जालसाज भारतीयों को बेहतर नौकरी के अवसरों का लालच देकर उन्हें वहां भेजते थे और फिर उन्हें साइबर गुलामी में डाल देते थे। कई लोग इन जालसाजों के चंगुल में फंसे और अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा दी। बिहार के एक युवक ने बताया कि कंबोडिया में एक उच्च वेतन वाली नौकरी का झांसा देकर उसे वहां भेजा गया, लेकिन फिर वह साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गया।
ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों का फायदा उठाना
शॉपिंग के दौरान भी ठगों ने अपनी चालाकियों से करोड़ों रुपये की ठगी की। Amazon और Flipkart जैसे प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्मों पर होने वाली बिग सेल्स जैसे प्राइम डे और बिग बिलियन डेज का फायदा उठाकर जालसाजों ने कई फर्जी वेबसाइट्स बनाई और सोशल मीडिया पर आकर्षक ऑफ़र पेश किए। इन ठगों ने ग्राहकों को Apple iPhones, प्रिमियम इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य वस्तुएं बेहद सस्ते दामों पर बेचने का झांसा दिया। इन ठगों ने ऐसी नकली वेबसाइटों पर ई-कॉमर्स साइट्स के डिजाइन की हूबहू नकल करके ग्राहकों को आकर्षित किया। इसके अलावा, एक नई रणनीति के तहत ठगों ने Flipkart और Amazon पर मिलने वाली शिकायतों का हवाला देते हुए नकली संदेश और विज्ञापनों के जरिए धोखाधड़ी की। इससे पहले से ही ऑनलाइन शॉपिंग में शिकार हुए ग्राहकों की संख्या और बढ़ गई।
लोगों की हसरतों का फायदा उठाना
2024 में जालसाजों ने बड़ी इवेंट्स और ट्रेंड्स का फायदा उठाया। उदाहरण के लिए, कोल्डप्ले और दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों का लालच देकर उन्होंने कई लोगों से लाखों रुपये ठगे। इसी तरह, अन्य टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर जालसाजों ने पोर्नोग्राफी और रेप केस जैसी घटनाओं का उपयोग कर धोखाधड़ी की।
उच्च रिटर्न का झांसा देकर ठगी
साल 2024 में कई निवेश स्कैम भी हुए, जहां जालसाजों ने क्रिप्टोकरेंसी, शेयर बाजार, और कमोडिटी निवेश के नाम पर आम नागरिकों से पैसे ठगे। जालसाजों ने सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन देकर लोगों को उच्च रिटर्न का झांसा दिया। उदाहरण के लिए, एक मामले में धोखेबाजों ने ₹5,000 के निवेश पर 2 से 4 गुना रिटर्न का वादा किया। इनसे निपटने के लिए I4C ने सक्रिय रूप से कार्रवाई करते हुए कई सिम कार्ड्स और IMEI नंबरों को निष्क्रिय किया। इस स्कैम में जालसाजों ने निवेशकों को उच्च मुनाफे का वादा किया और फिर उनका पैसा लेकर गायब हो गए।
सरकार और टेक कंपनियों की पहल
इन धोखाधड़ी मामलों को रोकने के लिए सरकार और टेलिकॉम कंपनियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। Skype, WhatsApp, और अन्य प्रमुख प्लेटफार्मों ने उपयोगकर्ताओं को स्पूफ कॉल्स और फर्जी संदेश से सतर्क करने के लिए चेतावनियाँ जारी की हैं। सरकार ने स्काइप के माध्यम से एक चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया कि भारतीय कानूनी अधिकारी कभी भी Skype पर आपसे संपर्क नहीं करेंगे। TSP (Telecom Service Providers) को भी निर्देश दिए गए कि वे अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स को ब्लॉक करें।
इसके अलावा, सरकार ने टेलीविज़न चैनल्स, आकाशवाणी, और सोशल मीडिया पर भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए। 2024 में साइबर अपराधियों ने न केवल नए तरीकों का इस्तेमाल किया बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में फैलाने में सफलता प्राप्त की। AI, डिजिटल अरेस्ट और शॉपिंग स्कैम जैसे घोटाले ने भारतीयों के भरोसे को तोड़ा और उनके जीवन को प्रभावित किया। इस बढ़ती हुई साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए सरकार को और भी मजबूत कदम उठाने होंगे, और नागरिकों को अपनी ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है।