Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Dec, 2024 03:21 PM
भारत में पुलिसकर्मियों के लिए वर्दी और लुक से जुड़े कई कड़े नियम होते हैं, जिनमें दाढ़ी और मूंछों को लेकर भी खास दिशानिर्देश दिए गए हैं। भारतीय पुलिस सेवा वर्दी नियम 1954 के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को वर्दी में दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है।...
नेशनल डेस्क: भारत में पुलिसकर्मियों के लिए वर्दी और लुक से जुड़े कई कड़े नियम होते हैं, जिनमें दाढ़ी और मूंछों को लेकर भी खास दिशानिर्देश दिए गए हैं। भारतीय पुलिस सेवा वर्दी नियम 1954 के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को वर्दी में दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है। हालांकि, कुछ राज्यों में पुलिसकर्मियों को अपनी मूंछों के लिए भत्ता मिलता है।
मूंछ रखने के नियम
इंडियन पुलिस सर्विस यूनिफॉर्म रूल्स के तहत, पुलिसकर्मी केवल सलीके से कटे हुए मूंछ रख सकते हैं। मूंछ झुकी हुई या लटकी नहीं होनी चाहिए। इस नियम का पालन करना अनिवार्य है। कई राज्यों में पुलिसकर्मियों को मूंछ रखने के लिए एक खास भत्ता भी मिलता है, जिससे यह परंपरा बनी रहती है।
किस राज्य में मिलता है मूंछों के लिए भत्ता?
- उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश पुलिस में मूंछ रखने पर पुलिसकर्मियों को मासिक 250 रुपये तक का भत्ता मिलता है। यह भत्ता परंपराओं को जीवित रखने के उद्देश्य से दिया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि अंग्रेजों के समय से मूंछें शक्ति और सम्मान का प्रतीक मानी जाती थीं।
- मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में भी पुलिसकर्मियों को मूंछ रखने पर 33 रुपये प्रति माह का भत्ता मिलता है।
- बिहार: बिहार में, डीआईजी मनु महाराज ने एक बार अपने एएसआई को उसकी मूंछों के लिए इनाम दिया था, जो मूंछों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
दाढ़ी और मूंछों के नियम
देशभर में दाढ़ी और मूंछों को लेकर अलग-अलग नियम हैं। कुछ राज्यों में धार्मिक कारणों से दाढ़ी रखने की अनुमति दी जाती है, लेकिन यह केवल सिख पुलिसकर्मियों के लिए ही होता है। यदि किसी अन्य धर्म के पुलिसकर्मी को दाढ़ी रखने की इच्छा हो, तो उसे विभाग से अनुमति लेनी होती है। सेना में भी दाढ़ी और मूंछों को लेकर सख्त नियम हैं, और सेना में किसी भी सैनिक को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं होती है। इस प्रकार, भारत में पुलिसकर्मियों के लिए दाढ़ी और मूंछों के नियम अलग-अलग होते हैं, और कुछ राज्यों में मूंछों के लिए उन्हें भत्ता भी दिया जाता है, जो एक प्रकार से एक प्राचीन परंपरा का हिस्सा है।