Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2025 11:50 AM
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भारत के अंतरिक्ष प्रवर्तक संस्थान ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस)’ ने बुधवार को कहा कि वह निजी क्षेत्र को उसके द्वारा विकसित प्रारंभिक चरण की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य उत्पादों में...
नई दिल्लीः भारत के अंतरिक्ष प्रवर्तक संस्थान ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस)’ ने बुधवार को कहा कि वह निजी क्षेत्र को उसके द्वारा विकसित प्रारंभिक चरण की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य उत्पादों में बदलने के लिए निधि प्रदान करेगा। इन-स्पेस द्वारा शुरू किए गए 500 करोड़ रुपए के प्रौद्योगिकी स्वीकरण कोष (टीएएफ) का उद्देश्य आयात निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू कंपनियों द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के विकास को प्रोत्साहित करना है।
इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा, ‘‘यह निधि स्टार्टअप और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों) को परियोजना लागत की 60 प्रतिशत और बड़े उद्योगों को 40 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसमें प्रति परियोजना अधिकतम 25 करोड़ रुपए की वित्तपोषण सीमा लागू होगी।’’ यह निधि उन सभी पात्र गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए खुली है, जो अपने नवाचारों की व्यावसायिक क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
इन-स्पेस के एक बयान में कहा गया है कि टीएएफ गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) को आंशिक निधि प्रदान करके अभिनव विचारों को “ड्रॉइंग बोर्ड से बाजार के लिए तैयार चरण में बदलने में” सहायता करेगा। वित्तीय सहायता के अलावा, यह पहल तकनीकी मार्गदर्शन और सलाह के अवसर प्रदान करेगी, जिससे कंपनियों को उत्पाद विकास चरण के दौरान चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।
घरेलू अनुसंधान और विकास में निवेश करके, टीएएफ सरकारी निकायों और निजी क्षेत्र के बीच एक मजबूत साझेदारी बनाने और अंतरिक्ष उद्योग में भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।