पिछले सात सालों में पश्चिम बंगाल में 30 लाख नौकरियां घटीं, महाराष्ट्र में 24 लाख नई नौकरियां आईं

Edited By Mahima,Updated: 09 Jul, 2024 10:08 AM

in the last seven years 30 lakh jobs were lost in west bengal

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनइनकार्पोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे के अनुसार, पिछले सात वर्षों में पश्चिम बंगाल में असंगठित उद्योगों में सबसे ज्यादा 30 लाख लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं। इसके विपरीत, महाराष्ट्र में इसी अवधि के...

नेशनल डेस्स:  राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनइनकार्पोरेटेड सेक्टर एंटरप्राइजेज के सालाना सर्वे के अनुसार, पिछले सात वर्षों में पश्चिम बंगाल में असंगठित उद्योगों में सबसे ज्यादा 30 लाख लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं। इसके विपरीत, महाराष्ट्र में इसी अवधि के दौरान 24 लाख नई नौकरियां आईं हैं। यह सर्वे 2015-16 से 2022-23 तक की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया। एनएसओ के सर्वे में यह सामने आया है कि देश के 28 में से 13 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में असंगठित क्षेत्रों में रोजगार तेजी से घटे हैं। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत अधिकांश बड़े राज्यों में असंगठित क्षेत्रों में रोजगार में कमी देखी गई है। हालांकि, कुछ आर्थिक रूप से कमजोर माने जाने वाले राज्यों में पिछले सात वर्षों में रोजगार बढ़े हैं।

रोजगार बढ़ने वाले राज्य
राजस्थान में 8.8 लाख नए रोजगार आए हैं, वहीं मध्य प्रदेश और बिहार में 6-6 लाख नई नौकरियां बढ़ी हैं। पंजाब और हरियाणा में 3-3 लाख और झारखंड में 4 लाख नए रोजगार बढ़े हैं। पंजाब और हरियाणा में रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है, जिससे इन राज्यों में नौकरियों की संख्या बढ़ी है।

 राज्यों के अनुसार रोजगार स्थिति
- पश्चिम बंगाल: 30 लाख नौकरियां घटीं
- महाराष्ट्र: 24 लाख नई नौकरियां आईं
- राजस्थान: 8.8 लाख नई नौकरियां
- मध्य प्रदेश: 6 लाख नई नौकरियां
- बिहार: 6 लाख नई नौकरियां
- पंजाब: 3 लाख नई नौकरियां
- हरियाणा: 3 लाख नई नौकरियां
- झारखंड: 4 लाख नई नौकरियां

एनएसओ के सर्वे के अनुसार, इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि असंगठित क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति राज्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न है। जबकि कुछ राज्यों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, वहीं अन्य राज्यों में इसमें कमी आई है। इससे यह भी पता चलता है कि आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों ने रोजगार के अवसरों में सुधार किया है, जबकि बड़े और अपेक्षाकृत समृद्ध राज्यों में रोजगार में गिरावट आई है। इस रिपोर्ट से यह भी साफ होता है कि असंगठित क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति सुधारने के लिए राज्यों को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, नीति निर्माताओं को इन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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