देश में कॉरपोरेट कंपनियों की आय घटी, दूसरी तिमाही में केंद्र को मिलने वाले टैक्स में 7 फीसदी की गिरावट

Edited By Mahima,Updated: 05 Dec, 2024 10:44 AM

income of corporate companies in the country decreased

भारत की लिस्टेड कंपनियों का टैक्स भुगतान 2024 की दूसरी तिमाही में 7% घटा, जो पिछले चार वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है। कुल कॉरपोरेट टैक्स भुगतान 1.18 लाख करोड़ से घटकर 0.09 लाख करोड़ रुपए रह गया। विश्लेषकों का मानना है कि टैक्स विभाग के लिए लक्ष्य...

नेशनल डेस्क:  देश की कॉरपोरेट कंपनियों की आय में गिरावट आई है, जिससे केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष कर राजस्व और वित्तीय स्थिति पर भी दबाव पड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लिस्टेड कंपनियों का टैक्स भुगतान इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) में सालाना आधार (साल-दर-साल) पर 7 फीसदी गिरा है।  पिछले चार वर्षों में यह सबसे खराब स्थिति है, जब सात तिमाहियों में पहली बार टैक्स भुगतान में गिरावट हुई है। इससे पहले कॉरपोरेट टैक्स में गिरावट वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में दर्ज की गई थी, और टैक्स भुगतान 0.7 फीसदी घट गया था। विश्लेषकों का मानना है कि टैक्स विभाग के लिए टारगेट पूरा करना मुश्किल होगा, जब तक कि वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में कॉरपोरेट ग्रोथ और अर्निंग्स में तेज उछाल न आए।

3,515 कंपनियों का टैक्स घटा
रिपोर्ट में कहा गया है कि  3,515 कंपनियों का कुल कॉरपोरेट टैक्स भुगतान जुलाई-सितंबर 2024 ( वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में घटकर .09 लाख करोड़ रुपए रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही ( वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही) में लगभग 1.18 लाख करोड़ रुपए था। यह  वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में तिमाही दर तिमाही भी 3 फीसदी घटकर वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के 1.13 लाख करोड़ रुपए से कम हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में कमी आई है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सी.जी.ए.) के डाटा के मुताबिक 2025 की दूसरी तिमाही में सरकार का नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 8.3% गिरकर 2.87 लाख करोड़ रुपए रहा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष (2024 की दूसरी तिमाही) की इसी अवधि में यह 3.13 लाख करोड़ रुपए था। हालांकि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के मुकाबले 2025 की दूसरी तिमाही में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 64.1% बढ़ा, जो 2025 की पहली तिमाही में 1.75 लाख करोड़ रुपए था।

लिस्टेड कंपनियों का योगदान बढ़ा
मीडिया हाउस के एक सैंपल के अनुसार 2024-25 की दूसरी तिमाही में लिस्टेड कंपनियों ने कुल कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 38.3% योगदान दिया, जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 37.7% था। वित्त वर्ष 2024 में इन कंपनियों ने 9.11 लाख करोड़ रुपए के कुल कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 47.4% योगदान दिया था। इस साल जुलाई में पेश किए गए वित्त 2025 के यूनियन बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के संशोधित अनुमान (9.11 लाख करोड़ रुपए) के मुकाबले 12 फीसदी अधिक का लक्ष्य रखा है। वित्त 2025 में सरकार का लक्ष्य 10.2 लाख करोड़ रुपए कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का है। सिस्टमैटिक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के को-हेड और रिसर्च हेड धनंजय सिन्हा ने कहा है कि सूचीबद्ध कंपनियों के टैक्स भुगतान में गिरावट से कुल टैक्स रेवेन्यू पर दबाव पड़ेगा। इससे सरकार की वित्तीय गणना बदल सकती है और सरकार को अप्रत्यक्ष कर जैसे एक्साइज, कस्टम और जी.एस.टी. के साथ-साथ गैर-कर राजस्व पर ज्यादा निर्भर होना पड़ेगा।

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